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दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण का स्तर, जानें कैसे रखें खुद को सुरक्षित

एम्स के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल दिल्ली एनसीआर के बड़े अस्पतालों में दिवाली पर प्रदूषण के कारण बीमार होने वाले लोगों की संख्या तो कम रही, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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बढ़ते प्रदूषण स्तर ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पिछले साल के मुकाबले इस बार दिवाली के बाद के प्रदूषण स्तर में थोड़ी गिरावट तो दर्ज की गई है पर अब भी हालात चिंताजनक हैं.

पटाखों की बिक्री पर बैन से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में कितनी गिरावट आई है, यह तो आने वाले दिनों में ही साफ होगा, पर पिछले साल के मुकाबले इस बार थोड़ी राहत जरूर मिली है.

कम हुई मरीजों की संख्या

एम्स के डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल दिल्ली एनसीआर के बड़े अस्पतालों में दिवाली पर प्रदूषण के कारण बीमार होने वाले लोगों की संख्या तो कम रही, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक हैं.

उन्होंने कहा, "यह सही है कि पिछले साल की तुलना में इस बार मरीज कम हैं, लेकिन अभी एक से दो दिन के बाद ही साफ हो पाएगा की मरीजों की कुल संख्या कितनी है या कितनी कम हुई. अभी बहुत कुछ करना बाकी है और प्रदूषण के मौजूदा स्तर को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में आम लोगों को दूषित हवा के चलते गंभीर समस्याएं होने का खतरा बना हुआ है."

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प्रदूषण के चलते बढ़ रहीं गंभीर बीमारियां बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगों में सांस संबंधित गंभीर बीमारियां बढ़ती जा रही हैं और दिवाली के बाद स्थिति हर साल और खराब हो जाती है. दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद अली को पिछले सात सालों से सांस की बीमारी है और इस बार भी दिवाली के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई. पेंटिंग का काम कर अपनी जीविका चलाने वाले मोहम्मद इन दिनों गिरती सेहत से काफी परेशान हैं."

बकौल मोहम्मद अली, "काम धाम सब छूट गया है. बाहर निकलते ही तकलीफ बढ़ जाती है. दिवाली पर घर में बंद रहता हूं, फिर भी परेशान हो जाता हुं."

बढ़ते प्रदूषण से कैसे रखें खुद को सुरक्षित

दिल्ली की प्रदूषित हवा पहले से ही हमारी सेहत के लिए गंभीर खतरा बनी हुई है और पटाखों पर बैन इसका एकमात्र समाधान नहीं है. सुबह से ही दिल्ली एनसीआर में धुंए के बादल हालात की गंभीरता को बयां कर रहे हैं. ऐसे में किस तरह इससे बचा जाए, यह जानकारी होना बेहद जरूरी है. डॉ. राजकुमार के अनुसार आम लोगों और सांस के मरीजों को इन बातों का खयाल रखना चाहिए -:

- जितना हो सके बाहर निकलने से बचें.

- अगर बाहर जा रहे हैं तो फेस मास्क जरूर लगाएं. इससे थोड़ी राहत मिलेगी.

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- सांस के मरीजों को नियमित रूप से दवाएं लेनी चाहिए.

- छोटे अंतराल पर चेकउप कराएं और डॉक्टर की सलाह लेते रहें.

- सुबह और शाम के वक्त पॉल्युशन सबसे ज्यादा होता है, इसलिए मॉर्निंग या इवनिंग वाक से बचें. घर में ही व्यायाम करें.

- साग सब्जी और फल लेते रहें और खूब सारा पानी पीएं. इससे बॉडी डीटॉक्सिफाई होती रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली एनसीआर में पटाखो की बिक्री पर रोक तो लगा दी गई, पर लोगों ने पटाखे खरीदे भी और जलाए भी. पहले से दूषित दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर अब 25 गुना तक बढ़ चुका है, जो अभी भी खतरे की घण्टी है. पर इन सबके बीच सबसे बड़ा सच यह भी है कि इसके लिए जिम्मेदार भी हम खुद हैं.

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