दिल्ली में बहु मंजिला इमारतों में प्राइवेट सुरक्षा गार्ड तो आपने देखा ही होगा. हाथ में डंडा, सर पर हैट और फिर नीले कलर की यूनिफार्म. देश में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले सुरक्षा उद्योग को दिल्ली सरकार का गृह विभाग ना केवल प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी चलाने के लिए लाइसेंस देता है बल्कि उस पर नज़र भी रखता है.
Private Security Agencies Regulation Act, 2005 जिसे PSARA कहते हैं. दिल्ली देश में सबसे ज्यादा PSARA लाइसेंस देने वाला पहला राज्य बन गया है. जिसने करीब 1200 लाइसेंस दिए हैं. PSARA के तहत हर स्टेट में एक कंट्रोलिंग अफसर होता है स्टेट की प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी का अफसर होता है. दिल्ली सरकार के गृह विभाग को इंडस्टट्री एसोसिएशन फिक्की ने PSARA enforcement के मामले में सबसे अव्वल पाया है.
दिल्ली सरकार के गृह विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी ओ.पी.मिश्रा ने कहा कि, "सिक्योरिटी गार्ड की ईएसआई, ईपीएफ और मिनिमम वेजेज पर हमने ज्यादा ध्यान दिया ताकि उनका शोषण न हो."
इसके अलावा फिक्की ने दिल्ली सरकार के उन 9 ट्रैनिंग इंस्टीट्यूट को भी को भी रिकॉग्नाइज किया जो प्राइवेट सेक्योरिटी को ट्रेनिंग देने का काम करते हैं. एडिशनल सेक्रटेरी होम ओपी मिश्रा ने बताया कि दिल्ली होमगार्ड में महिलाओं को फ्री ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग के बाद उन महिलाओं को स्किल सिक्योरिटी गार्ड माना जाता है.
89 लाख लोगों को मिला रोजगार
प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां रोजगार के एक बड़े उद्योग के रूप में उभर रही हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, अब तक करीब 89 लाख लोगों को रोजगार मिला है. लगातार बढ़ रहा प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी का उद्योग आने वाले वक्त में और भी बढ़ेगा, क्योंकि सुरक्षा की मांग बढ़ती जा रही है.