दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने अलग-अलग फ्लाईओवर की सड़कों पर आ रही दरार की वजह बताई है. जैन के मुताबिक फ्लाईओवर के बीच लगे जॉइंट की दूरी सर्दियों में बढ़ जाती है और गर्मियों सिकुड़ जाती है. जैन का तर्क अपनी जगह है, लेकिन इससे फ्लाईओवर्स के मरम्मत की सरकार की जिम्मेदारी कम नहीं हो जाती.
आजतक से बात करते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा, 'दिल्ली में फ्लाईओवर के एक्सपेंशन में जॉइंट लगाए जाते हैं. सर्दियों में इन जॉइंट के बीच दूरी बढ़ जाती है और गर्मियों में दूरी कम हो जाती है. एक्सपेंशन जॉइंट का मकसद यही होता है, जो एक तरह का डिजाइन है.'
जैन ने कहा, 'इसे क्रैक नहीं समझिएगा. जब भी फ्लाईओवर बनता है उसमें एक्सपेंशन जॉइंट लगाए जाते हैं. सर्दियों में जॉइंट के बीच फिलिंग या मटेरियल हटने की वजह से दो जॉइंट के बीच दूरी काफी बढ़ जाती है.'
हालांकि दिल्ली सरकार के मुताबिक जॉइंट किसी खतरे की बात नही है, लेकिन फिर भी मंत्री सत्येंद्र जैन इसकी मरम्मत की चिंता जता रहे हैं. जैन ने बताया कि फ्लाईओवर के बीच आ रहे गैप की मरम्मत के लिए पुलिस से अनुमति मांगी गई और फ्लाईओवर को जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले दिल्ली के रिंग रोड पर लाजपत नगर इलाके में आश्रम से मूलचंद की ओर जाने वाले फ्लाईओवर के एक हिस्से पर बड़ी दरार आ गई. इसके बाद भी फ्लाईओवर पर यातायात लगातार जारी है, जो किसी बड़े हादसे को न्योता देने जैसा है. दरार इतनी बड़ी है कि आसानी से किसी भी दोपहिया वाहन का पहिया इसमें फंस सकता है.
इससे पहले भी रिंग रोड पर बने हयात होटल फ्लाईओवर पर भी ऐसी ही एक दरार आ चुकी है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या दिल्ली में फ्लाईओवरों के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है.