वसंत कुंज के इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में कारपेंटर के रूप में काम करने वाले हीरा लाल शर्मा अपनी चार बेटियों के साथ 28 सितंबर को रंगपुरी इलाके में अपने किराये के घर में मृत पाए गए थे. उनकी चारों बेटियां दिव्यांग थीं और पत्नी का पिछले साल कैंसर से निधन हो गया था. इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने कुछ नए तथ्यों का खुलासा किया है. इस घटना ने दिल्ली के बुराड़ी इलाके के संत नगर में 30 जून, 2018 को हुई घटना की याद दिला ली, जिसमें भाटिया परिवार के 11 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी. सभी के शव छत की ग्रिल से लटके हुए मिले थे.
हीरा लाल ने मरने से 15 दिन पहले सबकी उधारी चुका दी थी. उन्होंने 21 सितंबर को अपने घर के पास स्थित तिवारी जनरल स्टोर से धूप बत्ती, अगरबत्ती, कलावा समेत पूजा के अन्य सामान खरीदा था. पुलिस के मुताबिक हीरा लाल और उनकी चारों लड़कियों के पेट और गले पर कलावा बधा हुआ मिला था. हीरा लाल ने ऐसा क्यों किया यह स्पष्ट नहीं है. फिलहाल पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. पुलिस ने इस केस की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है. जांच टीम ने इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में भी जाकर पूछताछ की, जहां हीरा लाल शर्मा काम करते थे.
यहां पता चला कि उनका मासिक वेतन 38,000 रुपये था. उनकी पत्नी का 23 अगस्त 2023 को निधन हो गया था. जनवरी 2024 से वह अपनी नौकरी पर नहीं गए और उन्हें दिसंबर 2023 के लिए 17,000 रुपये का आधा मासिक वेतन मिला था. पड़ोसियों ने पूछताछ में बताया कि हीरा लाल शर्मा अकेले रहते थे और किसी से भी बात नहीं करते थे. वह शांत और धार्मिक व्यक्ति थे. उनके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों ने उन्हें ऐसा व्यक्ति बताया जो अपने परिवार की जिम्मेदारी संभालता था. 24 सितंबर 2024 की शाम 7:15 बजे हीरा लाल शर्मा पुराना कुआं होते हुए माता चौक की ओर से अपने घर पहुंचे.
उन्होंने नीले रंग की पॉलिथीन ले रखी थी. आगे की जांच के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है. उनकी चार बेटियों में सबसे बड़ी नीतू दृष्टिबाधित थी, निशि को चलने में कठिनाई होती थी, और अन्य दो बेटियों की दिव्यांगता की प्रकृति की अभी जांच चल रही थी. पास लगे सीसीटीवी में 24 सितंबर को के बाद घर से किसी को भी आते-जाते नहीं देखा गया. 27 सितंबर को पड़ोसियों की सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद मिला. दरवाजा तोड़ने के लिए दिल्ली फायर सर्विस को बुलाया गया और अंदर पांचों के शव मिले.
चारों लड़कियों के शव बेडरूम में थे, वहीं उनके पिता हीरा लाल का शव एक अलग कमरे में था. पांचों के मुंह से झाग निकल रहा था. शवों के पास जहरीले पदार्थ के पाउच और कमरे के कूड़ेदान में जूस के टेट्रा पैक और पानी की एक बोतल मिली. मिठाई का एक डिब्बा भी बरामद किया गया, जिसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया. पुलिस को संदेह है कि हीरा लाल ने पहले अपनी बेटियों को जहर दिया और खुद भी जहर खा लिया. पुलिस उन परिस्थितियों की जांच कर रही है जिनके कारण यह घटना हुई.