शपथ लेने के बाद दिल्ली की नई सरकार एक्शन में आ गई है. सीएम रेखा गुप्ता के सामने अब चुनौती उन वादों को पूरा करने की है,जो पार्टी ने चुनाव के वक्त किए गए थे. हालांकि उस दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं.पहली कैबिनेट बैठक में ही आय़ुष्मान योजना को मंजूरी मिल गई है. इसके अलावा भी कैबिनेट ने कुछ अहम फैसले लिए.
दरअसल नई सरकार के सामने फिलहाल जो तीन प्रमुख चेलैंज हैं उनमें यमुना की सफाई, हर घर को 24 घंटे साफ पीने का पानी और दिल्ली की सड़कों की मरम्मत. इन्हीं 3 चैलेंज को दिल्ली की नई सीएम और उनकी कैबिनेट पूरा करने में जुट गई हैं. यमुना की सफाई का अभियान तो बीजेपी ने दिल्ली जीतते ही शुरु कर दिया था और शपथ लेने के बाद रेखा सरकार की कैबिनेट ने भी अपने कामकाज की शुरुआत यमुना आरती के साथ की है.
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आयुष्मान भारत योजना पर बड़ा फैसला
कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में आयुष्मान योजना को लागू करने का फैसला लिया.मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना पांच लाख के टॉप अप के साथ लागू की जाएगी जिसमें पांच लाख रुपये का टॉप अप दिल्ली सरकार देगी और पांच लाख रुपये केंद्र सरकार की तरफ से दिए जाएंगे. औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा करने के बाद इसे लागू किया जाएगा.
दरअसल AAP के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार और पश्चिम बंगाल की मौजूदा सरकार ने अभी तक AB-PMJAY योजना को लागू नहीं किया था. AB-PMJAY सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो भारत की आबादी के आर्थिक रूप से कमज़ोर 40 प्रतिशत हिस्से में से 12.37 करोड़ परिवारों के लगभग 55 करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है. हाल ही में, इस योजना का विस्तार करके 4.5 करोड़ परिवारों के 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया गया है, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो.
सीएजी रिपोर्ट होगी सदन में पेश
मुख्यमंत्री ने बताया, 'बैठक में जो दूसरा बड़ा फैसला है वो है सीएजी रिपोर्ट को लेकर.14 रिपोर्ट्स पेंडिंग हैं जो पिछली सरकार ने पेश नहीं की. पहला ही हाउस जो होगा उसमें उन रिपोर्ट्स को पेश किया जाएगा. इसके अलावा जो भी हमारी कमिटमेंट्स है उस पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाएगा."
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दरअसल चुनाव के दौरान बीजेपी ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि शराब नीति घोटाले से दिल्ली को 2026 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ. भगवा पार्टी ने दावा किया है कि दिल्ली शराब घोटाले में AAP के कई नेताओं को रिश्वत मिली.
इसके बाद मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था. दिल्ली हाई कोर्ट ने AAP सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि कैग रिपोर्ट पर जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है. हाई कोर्ट ने आगे जोर देते हुए कहा कि आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर को भेजना चाहिए था और इस पर सदन में चर्चा शुरू करनी चाहिए थी.