दिल्ली दंगों के मामले पर दिल्ली विधानसभा मे गुरुवार को हंगामा हुआ. दिल्ली विधानसभा सत्र के चौथे दिन मुआवज़े की रिपोर्ट जारी करते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली दंगों के लिए भाजपा को ज़िम्मेदार ठहराया. अमानतुल्लाह ने कपिल मिश्रा और रागिनी तिवारी का नाम लिया, जिस पर बीजेपी के विधायक हंगामा करने लगे.
आप विधायक अमानतुल्लाह ने कहा कि दिल्ली दंगे में प्रभावित बहुत लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाया था, हमने इसके लिए कोशिश की, 54 लोग मारे गए थे, 11 हिन्दू, 43 मुस्लिम थे, दिल्ली सरकार ने एक एक को 10-10 लाख दिए, 244 घायलों को मुआवजा दिया गया, इसके अलावा 724 प्रॉपर्टी और 1190 कमर्शियल प्रॉपर्टी को मुआवजा दिया गया, अभी तक 27 करोड़ 19 लाख मुआवजा दिया जा चुका है.
आप विधायक अमानतुल्लाह ने कहा कि 47 कर्मशियल प्रॉपर्टी और 66 लोगों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, आजादी के बाद से अब तक 48 हजार ऐसे फसाद हुए हैं, ज्यादातर कांग्रेस शासन में हुए हैं. यह पहली सरकार है, जिसने एक-एक पीड़ित को ढूंढकर मुआवजा दिया, 1992 के अयोध्या मामले को लेकर देशभर में फसाद हुआ और 2002 में भाजपा के शासन में फसाद हुआ और 2020 में दिल्ली में जो फसाद हुआ, वो भी भाजपा के कारण हुआ.
आप विधायक अमानतुल्लाह ने रागिनी तिवारी और कपिल मिश्रा का नाम लिया, जिसके बाद भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू हुआ. हंगामे के बाद वेल में आए एक भाजपा विधायक को स्पीकर ने मार्शल आउट करने का निर्देश दिया. सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के स्थगित कर दिया गया था.
हंगामा करने वाले बीजेपी विधायक अनिल बाजपेई को पूरे दिन के लिए सदन से बाहर कर दिया गया. हालांकि, नेता विपक्ष रामवीर बिधूड़ी ने अमानतुल्ला खान के बयान से बीजेपी शब्द हटाने की मांग की और अनिल बाजपेई को वापस बुलाने की. स्पीकर ने अनिल बाजपेई को सदन में बुला लिया है.