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Delhi Riots: कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को मिली जमानत

Delhi Riots Case updates: न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इशरत को जमानत दी है. उन्होंने पिछले महीने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया था.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली दंगे में हुई थी 53 लोगों की मौत
  • दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान भड़की थी हिंसा

दिल्ली (Delhi) की एक अदालत (Court) ने 2020 के दिल्ली दंगे (Delhi Riots) की साजिश रचने के मामले में कांग्रेस (Congress) की पूर्व पार्षद इशरत जहां को जमानत (Bail) दे दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जमानत आदेश पर मुहर लगाई.

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सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में इशरत जहां की ओर से पेश हुए वकील प्रदीप तेवतिआ ने अदालत में दलील दी थी कि दिल्ली दंगे की किसी साजिश में उनकी मुवक्किल के शामिल होने का कोई प्रमाण नहीं है और पुलिस ने उन्हें झूठे फंसाया है. 

वहीं, इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील अमित प्रसाद ने कहा कि दिल्ली में दंगा कराने की पहले से ही साजिश रची गई थी और उसमें इशरत जहां की भूमिका थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इशरत के जमानत आदेश पर मुहर लगाई.

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों के लिए मुख्य साजिशकर्ता के रूप में भूमिका निभाने के आरोप में इशरत और कई अन्य लोगों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे. इससे पहले, इशरत जहां को शादी के लिए जून 2020 में 10 दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी.

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क्या है पूरा मामला?

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA), 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इशरत जहां के अलावा, कार्यकर्ता खालिद सैफी, उमर खालिद, जेएनयू के छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य पर भी मामले में कड़े कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में इशरत जहां को 26 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था. तब से इशरत जहां जेल में ही बंद थीं.

पहले भी मिल चुकी है जमानत

इससे पहले इशरत जहां को शादी करने के लिए जून 2020 में 10 दिनों के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी और उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने या गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया गया था.

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