scorecardresearch
 

दिल्ली: स्कूलों-कॉलेजों के लिए जरूरी हुआ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

दिल्ली में स्कूलों, कॉलेजों के लिए जरूरी होगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना, वरना देना होगा 5 लाख का जुर्माना

Advertisement
X
बारिश का पानी
बारिश का पानी

Advertisement

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने को लेकर एनजीटी ने दिल्ली के स्कूल और कॉलेजों के लिए एक कड़ा आदेश दिया है. एनजीटी ने कहा है कि राजधानी दिल्ली के सभी स्कूल और कॉलेजों को अगले 2 महीने के भीतर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपने यहां लगवाना होगा और जो स्कूल या कॉलेज एनजीटी के आदेश की अवहेलना करते हैं, उन पर 5 लाख का जुर्माना लगाया जाए.

इससे पहले भी अपने अलग-अलग आदेशों में एनजीटी होटल, सरकारी इमारतों और अस्पतालों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगवाने के अलग-अलग आदेश दे चुका है. लेकिन स्कूलों और कॉलेजों ने इसे गंभीरता से नहीं अपनाया. यही वजह है कि एनजीटी ने सख्त आदेश दिया है. एनजीटी द्वारा जारी किया गया नया आदेश दिल्ली के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल व कॉलेजों पर लागू होगा.

Advertisement

इन्हें भी भेजा जाएगा नोटिस

इसके अलावा शिक्षा निदेशालय को भी एनजीटी ने निर्देश दिया है कि वो एक हफ्ते में राजधानी के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों व कॉलेजों को नोटिस भेजे और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जल्द से जल्द लगाने को कहे. उसके बाद दिल्ली जल बोर्ड को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए सभी स्कूलों और कॉलेजों को एप्लीकेशन देनी होगी. जल बोर्ड वकील साक्षी पोपली ने बताया कि जल बोर्ड का काम स्कूल और कॉलेजों में जाकर इंस्पेक्शन करने का होगा ताकि ये साफ हो सके कि कितनी जगहों पर एनजीटी के आदेशों का पालन हुआ और जिन्होंने नहीं किया है, उन पर जुर्माना लगाया जा सके.

क्या है एनजीटी का मकसद

जो स्कूल अपने जगह कम होने के कारण रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा सकते, उनको ग्रीन टैक्स भरना होगा. इस ग्रीन टैक्स से उस स्कूल के आस-पास के किसी इलाके में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा. एनजीटी का मकसद साफ है कि दिल्ली में लगातार गिरते ग्राउंड वाटर लेवल को और नीचे जाने से रोका जाए और अगर दिल्ली के सभी स्कूल कॉलेजों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाया गया तो इस समस्या को कुछ हद तक कम जरूर किया जा सकता है.

Advertisement

देना होगा जुर्माना

एनजीटी के नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों और कॉलेजों को 5 लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा. 

Advertisement
Advertisement