एशिया का सबसे बड़ा होलसेल कपड़ा मार्केट गांधीनगर में इन दिनों सीलिंग का खतरा मंडरा रहा है. इससे इलाके में काम करने वाले लगभग हजारों दुकानदार और फैक्ट्री मालिक डर के साए में जी रहे हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने दिल्ली की सभी एमसीडी को ये कहा था कि वो ऐसे बाजारों का सर्वे करें. ये पता लगाएं कि कहां-कहां रिहायशी इलाकों में फैक्ट्रियां और दुकानें चल रही हैं. लिहाजा गांधीनगर का सर्वे भी किया गया. ये सर्वे ईडीएमसी ने किया, जिसमें पाया कि यहां तकरीबन 25 हजार फैक्ट्रियां रिहायशी इलाकों में चल रही हैं. अब जबकि सर्वे पूरा हो चुका है तो गांधी नगर की इन फैक्ट्रियों के मालिकों को भी सीलिंग का डर सताने लगा है.
गांधीनगर मार्केट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट के के बल्ली की माने तो उनका कहना था इस मार्केट में तकरीबन 15 से 20 हजार दुकानदार हैं और साथ ही हजारों फैक्ट्री भी हैं. जिनमें लाखों लोग काम करते हैं. अगर इनको सील किया जाता है तो लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे.
दरसल, गांधीनगर के व्यापारियों का ये डर इसलिए और ज्यादा है क्योंकि बीते दिनों ईडीएमसी के सर्वे के बाद ही विश्वास नगर में भी सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने करीब 400 फैक्ट्रियों को सील किया था. खबरों के मुताबिक, अब गांधीनगर मार्केट भी मॉनिटरिंग कमेटी के निशाने पर है. वो यहां चलने वाली तमाम फैक्ट्रियों और दुकानों को सील करने चाहती है. वहीं दुकानदार का कहना है कि एजेंसियां मॉनिटरिंग कमेटी की आड़ में मनमानी कर रही हैं, जिससे व्यापारी खास नाराज़ है.