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विश्व का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली, मंत्री ने कहा- नहीं चाहिए ऐसा सिल्वर मेडल

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विश्व का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है. रिपोर्ट कहती है कि राजधानी की हवा में PM10 की मात्रा 225 माइक्रोग्राम प्रति मिलीमीटर तक पहुंच गई है.

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सर्दियों में बढ़ जाता है प्रदूषण
सर्दियों में बढ़ जाता है प्रदूषण

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प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें देश की राजधानी का नाम प्रदूषित शहरों की सूची में दूसरे नंबर पर है. दिल्ली में प्रदूषण हमेशा से ही एक बड़ी समस्या रहा है. केजरीवाल सरकार ऑड-ईवन जैसी मुहिम चलाकर प्रदूषण कम करने का दावा भी कर चुकी है, लेकिन दिल्ली की हवा में दिन ब दिन जहर बढ़ता ही जा रहा है.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विश्व का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है. रिपोर्ट कहती है कि राजधानी की हवा में PM10 की मात्रा 225 माइक्रोग्राम प्रति मिलीमीटर तक पहुंच गई है. पर्यावरण विशेषज्ञ के बताते हैं कि अगर PM10 की मात्रा हवा में जरूरत से ज्यादा बढ़ती है तो इंसान को फेफड़े के कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है और सांस की बीमारी से पीढ़ित मरीजों के लिए ये सबसे ज्यादा नुकसानदायक है. प्रदूषित शहर पर वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट आने के बाद इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ऑड-ईवन फॉर्मूला कब लागु करेगी?

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दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली दूसरे नंबर पर है तो दुख़द है. अगर सिल्वर मेडल लेना है तो कम से कम इस चीज में तो नहीं लें. 2 करोड़ की आबादी दिल्ली में है, प्रदूषण से शहर की हालत बुरी हो चुकी है. दिल्ली के अंदर ट्रैफिक और कूड़े की वजह से प्रदूषण ज्यादा है. हमने लंग टेस्ट भी करवाया था और उसकी रिपोर्ट अच्छी नहीं आई थी. प्रदूषण बरसात में कम हो जाता है, लेकिन जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी प्रदूषण बढ़ेगा. ऑड-ईवन ठंड के मौसम में लागू होगा या नहीं इस सवाल पर भी सत्येंद्र जैन एलजी को टारगेट करते नजर आए. तंज कसते हुए जैन ने कहा कि ऑड-ईवन के लिए महामहिम इजाजत देंगे तो करेंगे.

जाहिर है देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए केजरीवाल सरकार कमर्शियल वाहनों पर लगाम लगाने से लेकर ऑड-ईवन जैसी स्कीम लेकर आई थी. लेकिन बावजूद इसके वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट ने ये साबित कर दिया है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत तेजी से बढ़ा है, जो दिल्ली वालों के लिए बड़ी चिंता का सबब बन गया है. इस रिपोर्ट से सरकार के उन कदमों पर सवाल भी खड़े होते हैं जो शहर में प्रदूषण कम करने के लिए उठाए जा रहे हैं.

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