दिल्ली पुलिस शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को जबरन नहीं हटाएगी. पुलिस नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश करेगी. जानकारी के मुताबिक, पुलिस इलाके के कुछ प्रमुख व्यक्तियों से मिलकर मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आज किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं होगा.
दिल्ली स्थानीय व्यापारियों के साथ संपर्क में है. व्यापारियों से उनकी दुकानें खोलने का अनुरोध किया गया है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी हाई कोर्ट के आदेश को समझेंगे. एक बेहतर समझ पैदा होगी और दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले रास्ते को खोला जाएगा.
वहीं शाहीन बाग में मंच से इस बात की घोषणा की जा रही है कि हमारा इसमें कोई नुकसान नहीं है. कोर्ट हमारे साथ है और हर कोई अपने साथ खड़ा है. वहीं, सरकारी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस को शाहीन बाग से बैरिकेडिंग से हटाने की इजाजत दिल्ली हाई कोर्ट से मिल गई है.
शाहीन बाग-कालिंदी कुंज में सड़क को जाम करने के मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने गेंद केंद्र और दिल्ली पुलिस के पाले में डाल दिया. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि संबंधित विभाग यानी कि पुलिस इस मामले में कानून के तहत काम करे.
एक महीने से जारी है शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल रजिस्टर फॉर पॉपुलेशन के खिलाफ बीते एक महीने से दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस प्रदर्शन की वजह से दिल्ली से नोएडा जाने वाला रास्ता जाम है और इसी समस्या पर दिल्ली हाईकोर्ट में जब मामले की सुनवाई हुई तो अदालत ने प्रशासन को कानून के मुताबिक काम करने को कहा है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को मामला सुलझाने का दिया निर्देश
मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह बड़ी पिक्चर देखे और आम लोगों के हित में काम करें. हालांकि, कोर्ट ने अपने आदेश में शाहीन बाग पर जारी धरने को खत्म करने की बात साफ तौर पर नहीं की है. अदालत में जब इस मामले की सुनवाई हुई तो दिल्ली सरकार की ओर से पक्ष रखा गया कि वह इस मामले में पक्षकार नहीं है और दिल्ली की कानून व्यवस्था उनके हाथ में नहीं हैं. हालांकि, हाईकोर्ट केंद्र-पुलिस को इसमें एक्शन लेने को कह दिया है.