नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में 17 दिन से महिलाओं का प्रदर्शन जारी है. कड़कड़ाती ठंड और 2 डिग्री तापमान में भी महिलाएं अपने बच्चों को लेकर धरने पर बैठी हुई हैं. महिलाओं का धरना दिन-रात चल रहा है और सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी हो रही है.
शाहीग बाग के प्रदर्शन में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के अलावा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र भी साथ दे रहे हैं. छात्र 3 जनवरी को शाम 6 बजे कैंडिल मार्च निकालेंगे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सरकार सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेगी तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
बता दें कि कड़कड़ाती ठंड के बावजूद प्रदर्शनकारियों के हौसलों में कमी नहीं आई है. सोमवार देर रात 2 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी रातभर चले विरोध प्रदर्शन में काफी संख्या में लोग जुटे रहे. जामिया में कई पूर्व नेता, छात्रनेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी छात्रों के समर्थन में शाहीन बाग पहुंचे. इसके अलावा शाहीन बाग में कुछ बच्चों ने पुलिस की वर्दी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया.
बच्चों ने वर्दी पहनकर किया विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि 15 दिसंबर से कालिंदी कुंज से सरिता विहार जाने वाले रोड पर शाहीन बाग बस स्टॉप के पास लोग धरने पर बैठे हैं. जिसकी वजह से आने-जाने का रास्ता पिछले 17 दिन से बंद है. मुस्लिम बहुल इलाके शाहीन बाग में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों को सभी धर्मों के लोगों का समर्थन मिल रहा है.
शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे प्रदर्शन के लिए उचित व्यवस्थाएं की गई हैं. जिसमें प्रदर्शनकारियों के लिए खाने-पीने और बैठने की अच्छी व्यवस्था के साथ ठंड से बचने के लिए रजाई और कंबल के भी इंतजाम हैं. इसके अलावा डॉक्टर और दवा की भी व्यवस्था है, जिससे प्रदर्शनकारियों को किसी तरह की परेशानी ना हो.