दिल्ली में पेयजल को लेकर स्थिति खराब है. दिल्ली के कई इलाकों के निवासियों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल तक मयस्सर नहीं. ये हम नहीं, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की रिपोर्ट कहती है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली की करीब 44 फीसदी झुग्गियों में रहने वाले लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा है.
दिल्ली सरकार की रिपोर्ट बताती है कि इन 44 फीसदी झुग्गी बस्तियों के लोग पेयजल के लिए बोतलबंद पानी पर निर्भर है. केजरीवाल सरकार की इस रिपोर्ट के मुताबिक शहर के लगभग 76 फीसदी घरों में पाइप से पानी के कनेक्शन हैं. दिल्ली सरकार की ओर से कराए गए एक सर्वेक्षण के आधार पर आई रिपोर्ट में 71 फीसदी घरों में पाइपयुक्त सीवर प्रणाली और 28.5 फीसदी घरों में 'फ्लश टू सेप्टिक टैंक' प्रणाली के उपयोग की जानकारी दी गई है.
जानकारी के मुताबिक दिल्ली सरकार के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय की ओर से एक सर्वे कराया गया था. पीने के पानी, स्वच्छता, स्वच्छता और आवास की स्थिति को लेकर 76वें राष्ट्रीय नमूना सर्वे के तहत राज्य से नमूने लिए गए थे. ये परिणाम इन्हीं सैंपल्स पर आधारित हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अधिकारियों ने कहा है कि ये रिपोर्ट 2020 में ही प्रकाशित होनी थी लेकिन दिल्ली चुनाव और फिर कोरोना महामारी के कारण रिपोर्ट प्रकाशित करने में देर हुई.
निदेशालय की डेटा प्रोसेसिंग यूनिट के मुताबिक दिल्ली के 76 फीसदी घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति होती है. साढ़े सात फीसदी नलकूप और सात फीसदी बोतलबंद पानी का इस्तेमाल होता है. 3.8 फीसदी घरों में सार्वजनिक नल का इस्तेमाल होता है और 3.3 फीसदी घरों के लोग पेयजल के लिए पानी के टैंकर पर निर्भर हैं. पीने के पानी के प्राथमिक स्रोत के रूप में बोतलबंद पानी का उपयोग करने वाले परिवारों की संख्या 2012 से 2018 के बीच दोगुनी हो गई है.