दिल्ली नगर निगम में इस वक्त कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. एक तरफ निगम फंड की किल्लत से जूझ रही है, तो दूसरी ओर अब नगर निगम के आंतरिक झगड़े बड़े रूप लेते नजर आ रहे हैं. साउथ एमसीडी के सबसे महत्वपूर्ण पद स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर नए कमिश्नर की नियुक्ति की मांग की है.
चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को चिट्ठी में लिखा है कि घंटों इंतजार कराने के बाद भी कमिश्नर मिलने का वक्त नहीं देती है. मीटिंग में बुलाने पर भी नहीं आती है. ऐसे में साउथ एमसीडी नगर निगम के कार्य प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए किसी नए कमिश्नर की नियुक्ति की जाए.
साउथ एमसीडी के स्थाई समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि एमसीडी कमिश्नर वर्षा जोशी का नगर निगम में मन नहीं लगता है. शायद उन्हें केंद्र में जाने का मन है. ऐसे में हम उपराज्यपाल से मांग करते हैं कि किसी नए कमिश्नर की नियुक्ति की जाए.
बता दें, इससे पहले नॉर्थ एमसीडी में कई पार्षदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कमिश्नर को हटाने की मांग की थी. पार्षदों का कहना था कि बीते 8 महीने से वह लगातार कमिश्नर से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कमिश्नर उन्हें वक्त तक नहीं देती हैं. खास बात यह रही है कि कमिश्नर को हटाने का मुद्दा बीजेपी पार्षदों ने भी उठाया था, जबकि नगर निगम में बीजेपी की ही सरकार है.
हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कमिश्नर वर्षा जोशी फिलहाल दो एमसीडी में कमिश्नर के पद पर तैनात हैं. नॉर्थ एमसीडी में पूर्णकालिक तौर पर वो कमिशनर हैं, जबकि साउथ एमसीडी में उन्हें अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. ऐसे में जब तक साउथ एमसीडी को जबतक पूर्णकालिक कमिश्नर नहीं मिल जाता, तब तक इस तरह का संकट बना रह सकता है.