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दिल्ली: साउथ एमसीडी का फैसला, बिना नोटिस नहीं होगी सीलिंग

अभिषेक दत्त ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि " मॉनिटरिंग कमेटी हिटलरशाही कर रही है". इस बात का बीजेपी पार्षद और स्थायी समिति सदस्य शिखा राय ने समर्थन किया, लेकिन इसके लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार बताते हुए कहा कि सीलिंग का मुद्दा शीला दीक्षित की सरकार के वक़्त क्यों नहीं सुलझाया गया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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दिल्ली में हो रही सीलिंग भले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के निर्देश पर हो रही है,  लेकिन इसके लिए अगर किसी की सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है तो वो है एमसीडी. इसी से बचने के लिए अब साउथ एमसीडी ने बड़ा कदम उठाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बिना नोटिस वो सीलिंग नहीं करें.

बुधवार को साउथ एमसीडी स्थायी समिति की बैठक के दौरान सीलिंग का मुद्दा छाया रहा. सीलिंग से व्यापारियों को हो रही परेशानी पर कांग्रेस और बीजेपी ने एक सुर में सीलिंग का विरोध किया. कांग्रेस दल के नेता अभिषेक दत्त ने साउथ एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में कहा की "सीलिंग करने वाले अधिकारी खुद कंफ्यूज हैं कि वो डीएमसी एक्ट के मुताबिक कार्रवाई करें या मोनिटरिंग कमेटी के मुताबिक". अभिषेक दत्त ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि " मॉनिटरिंग कमेटी हिटलरशाही कर रही है". इस बात का बीजेपी पार्षद और स्थायी समिति सदस्य शिखा राय ने समर्थन किया, लेकिन इसके लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार बताते हुए कहा कि सीलिंग का मुद्दा शीला दीक्षित की सरकार के वक़्त क्यों नहीं सुलझाया गया.

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इसपर कांग्रेस पार्षद अभिषेक दत्त ने पलटवार करते हुए कहा की 15 साल से एमसीडी में बीजेपी की सरकार है तो उसने अब तक क्या किया? इसके बाद स्थायी समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि डीएमसी एक्ट में लिखा है कि सीलिंग से पहले कम से कम 48 घंटे का नोटिस देना ज़रूरी है, ऐसे में हम अपने अधिकारियों से बोलेंगें कि वो सीलिंग से पहले नोटिस दें. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि साउथ एमसीडी के सर्वदलीय पार्षद केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से जाकर मिलेंगे और अपील करेंगे कि कम से कम 30 जून 2018 तक सीलिंग ना हो और लोगों को कनवर्जन चार्ज जमा कराने का मौका मिले.

छतरपुर में फार्म हाउस हुआ डी-सील

भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि कुछ दिन पहले छतरपुर इलाके में मॉनिटरिंग कमेटी के निर्देश पर रमाया फार्महाउस को सील किया गया था, उसे अस्थाई तौर पर डीसील किया गया है क्योंकि वहां पर पहले से शादियों की बुकिंग थी. इसी को आधार बनाते हुए स्थायी समिति ने निर्देश दिए हैं कि जिन व्यापारियों के पास सभी कागज़ात हैं, ज़ोन के डीसी उनकी मदद करें और मॉनिटरिंग कमेटी से मिलकर उनकी दुकानों को डीसील करे क्योंकि सील की गई कई ऐसी संपत्तियां भी है जिनके अंदर रॉ मटेरियल है या ऐसा सामान है जो खराब हो सकता है ऐसे में उनकी दुकानों को स्थाई तौर पर डीसील किया जा सके और उनका कम से कम नुकसान ना हो.

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धरना देना पड़ा तो देंगे: भूपेंद्र गुप्ता

दिल्ली में हो रही सीलिंग से एमसीडी के ऊपर कितना दबाव है इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्थायी समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने इस मसले पर मॉनिटरिंग कमेटी के दफ्तर पर धरने देने तक कि बात कर डाली. हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि इस मसले पर पहले वो पार्टी में आला नेताओं से बात करेंगे.

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