राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार संपत्ति धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में दिल्ली सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शीर्ष पर है. रिपोर्ट के अनुसार इस संबंध में साल 2013 में दिल्ली में कुल 181 मामले दर्ज हुए जो कि देश में सबसे ज्यादा है. इनमें से 8 मामले विश्वासघात के और 173 धोखाधड़ी की धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं.
इस संबंध में दर्ज 176 मामले के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है और 82 मामलों के साथ पंजाब तीसरे स्थान पर है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी कहा है कि ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है. पुलिस की यह शाखा आर्थिक अपराधों की जांच-पड़ताल करती है. ईओडब्ल्यू के संयुक्त पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने बताया, ‘हमारे पास दर्ज होने वाले लगभग 30 प्रतिशत मामले रियल एस्टेट से जुड़े होते हैं.’
पहले गिरवी रखी संपत्ति को कई लोगों को बेचने या फर्जी कागजात बनाने के मामले ही आम होते थे. लेकिन पुलिस के अनुसार अब ठग लोग कई नए तरह के तरीके आजमा रहे हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘एक ताजातरीन मामले में एक रियल एस्टेट कंपनी ने अपनी योजना के विज्ञापन प्रपत्रों में निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए किसी दूसरे के अस्तित्व का प्रयोग किया था.’ इस संबंध में कंपनी कॉस्मिक स्ट्रक्चर्स लिमिटेड के प्रस्तावकों के खिलाफ जनकपुरी थाने में धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत सुरिंदर कुमार बांग्ला ने प्राथमिकी दर्ज कराई. वह भारतीय स्टेट बैंक में पूर्व सहायक प्रबंध निदेशक रह चुके हैं. बांग्ला ने कथित रूप से 70,000 रुपये कंपनी की नोएडा में आने वाली एक योजना में स्थान बुक करने के लिए दिए. कंपनी के प्रस्तावकों द्वारा देशभर में चलाई जा रही उनकी विभिन्न योजनाओं की सूची सौंपे जाने के बाद उन्होंने उन्हें पैसे दिए थे.
पुलिस ने बताया, ‘बांग्ला को बाद में पता चला कि वो योजना कॉस्मिक स्ट्रक्चर्स की नहीं बल्कि हकीकत में क्वालिटी कंस्ट्रक्शंस की थीं और उन्होंने पैसे वापसी की मांग की. बाद में उन्होंने हमसे संपर्क कर प्राथिमिकी दर्ज कराई और पुलिस मामले की जांच कर रही है.’ बहरहाल क्वालिटी कंस्ट्रक्शंस के मालिक राजेश लांबा ने दिल्ली हाई कोर्ट से प्रार्थना की कि कॉस्मिक स्ट्रक्चर्स लिमिटेड पर उनका नाम इस्तेमाल किए जाने को लेकर रोक लगाई जाए. संपत्ति से जुड़े मामलों में धोखे से बचने के लिए पुलिस लोगों को सावधान रहने को कहती है और रियल स्टेट से जुड़े मामलों में अतिरिक्त रूप से होशियार रहने को कहती है और पक्षों की पृष्ठभूमि की जांच लेने के लिए चेताती रहती है. गोलचा ने कहा, ‘आप जो संपत्ति खरीदने जा रहे हैं उससे जुड़े सभी दस्तावेजों और पक्षों की जांच करें और नगदी में रुपया न दें. यदि नगदी में भुगतान कर रहे हैं तो उसकी रसीद और उसके अन्य दस्तावेजी सबूतों को जरूर लें. वैसे चेक से किए गए भुगतान को पकड़पाना आसान होता है.’
एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक ऐसे मामलों में सबसे दु:ख की बात यह है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी बड़ी कानूनी कार्रवाई के होने का डर नहीं होता. वजह धोखाधड़ी का शिकार हुए कई लोगों में से कुछ ही लोग धोखाधड़ी करने वाले पर मामला दर्ज करते हैं. फिर लंबी चलने वाली अदालती कार्रवाई के दौरान कई लोग पीछे हट जाते हैं और अंतत: दो-चार लोग अंत बचते हैं जिन्हें वह अदालत के बाहर पैसे थमा कर मामले को सुलझा लेते हैं और धोखाधड़ी करने वाली बच निकलता है.