सीलिंग के खिलाफ अब कारोबारी बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं. कारोबारी 15 फरवरी को पुरानी दिल्ली के घंटाघर पर रैली करेगें. इसमें पूरी दिल्ली से कारोबारी यहां इकठ्ठा होंगे. वहीं 14 फरवरी वैलेटाइंन डे के मौके पर व्यापारी ‘माई वैलेंटाइन- माई शॉप' के जरिए दिल्ली नगर निगम, एनडीएमसी और डीडीए कार्यालयों के दरवाजे पर गुलाब का चढाएंगे.
बता दें कि ये फैसला कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने दिल्ली के 300 से अधिक व्यापारिक संगठनों के प्रमुखों की बैठक बुलाने के बाद लिया .
व्यापारियों ने मांग की है सीलिंग की कार्रवाई लगातार बढ़ती जा रही है. अब ये जरूरी हो गया है कि केन्द्र सरकार इस मामले पर हस्तक्षेप करते हुए अध्यादेश लेकर आए ताकि सीलिंग को रोका जा सके.
राजधानी में गत पांच दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मिक्स लैंड सड़कों पर चल रही दुकानों की सीलिंग जारी है. दुकानदार आरोप लगा रहे हैं कि कन्वर्जन चार्ज, पार्किंग शुल्क जमा करने के बावजूद उनकी दुकानों को सील किया जा रहा है. इसके चलते उनकी रोजी-रोटी पर गंभीर संकट खड़ा हो रहा है. इस सीलिंग के खिलाफ दिल्ली के कारोबारी दो बार कारोबार बंद कर चुके हैं और केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली सरकार और एमसीडी तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सीलिंग अभियान बंद नहीं हो रहा है.
नहीं रुक रही सीलिंग की कार्रवाई
व्यापारियों के मुताबिक, व्यापारी कन्वर्जन चार्ज देने को तैयार है लेकिन उसके बावजूद भी सीलिंग की कार्रवाई नहीं रुक रही है. इसके बाद ये तय किया गया है कि बिना केन्द्र सरकार के अध्यादेश के बिना ये सीलिंग रुक नहीं सकती. कैट के महासचिव प्रविण खंडेलवाल ने कहा कि ये बहुत दुखद है कि केन्द्र सरकार की नाक के नीचे सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मॉनिटरिंग कमेटी दिल्ली में प्रशासनिक ऑथोरिटी की तरह काम कर रही है. सारे प्रशासन को अपने कदमों पर लाकर खड़ा कर दिया है. कमेटी को केवल रिहाइशी क्षेत्रों में कमर्शल गतिविधियों को देखना था लेकिन कमेटी में पूरी दिल्ली को अपना अधिकार क्षेत्र मान लिया है और सीलिंग के आदेश दिए जा रहे हैं.
कैट ने इस संबध में केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर मांग की गई है. केन्द्र सरकार बिना देरी के अध्यादेश लेकर आए ताकि सीलिंग से व्यापारियों को राहत दिलाया जा सकें.