दक्षिणी दिल्ली में पेड़ों के कटने का मामला अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. आम आदमी पार्टी ने पेड़ों की कटाई को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने कहा कि 1 हेक्टेयर से ज्यादा पेड़ काटने की अनुमति देने का पावर एलजी के पास है. पेड़ काटने की फाइल पर मैंने आपत्ति जताई है.
हुसैन ने कहा कि क्रंकीट के जंगल में सांस कैसे लेंगे, 17000 पेड़ कटने नहीं देंगे. भारत सरकार का विकास मंत्रालय सिर्फ NBCC को फायदा पहुंचा रहा है. सरकारी अफसरों के लिए दिल्ली के बाहर भी मकान बनाये जा सकते हैं.
हुसैन ने कहा कि फारेस्ट विभाग की रिपोर्ट मेरे पास आ गई है, 2600 पेड़ अभी तक काटे गए. हमने आगे आदेश दे दिया है कि आगे कोई भी पेड़ नहीं कटना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हमने बार-बार फाइल पर लिखा है कि ऐसी जगह प्रोजेक्ट बने जहां पेड़ न कटें.
दरअसल एनबीसीसी साउथ दिल्ली के इलाकों में पुरानी इमारतों को तोड़कर बड़ी बहुमंजिला इमारतें बना रही है और उसी के लिए इन पेड़ों को काटा जा रहा है. सरोजिनी नगर के अलावा कस्तूरबा नगर, नैरोजी नगर, नेताजी नगर, त्याग राज नगर और मोहम्मद पुर शामिल है.
लोगों में है गुस्सा
दिल्ली में पेड़ काटे जाने के फैसले से जनता काफी गुस्से में है. पर्यावरण प्रेमी और साउथ दिल्ली के लोग जिसमें बच्चे और सीनियर सिटीजन भी शामिल हैं, काफी नाराज हैं. पर्यावरण एक्टिविस्ट बिकेश ने बताया कि कि वो व्हॉट्सऐप ग्रुप से जोड़कर लोगों जागरूक कर रहे हैं. आम जनता के साथ- साथ गैर सरकारी संगठनों भी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.