दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) के चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) पर पैदा हुए विवाद ने उस वक्त नया मोड़ ले लिया जब डीयू से संबद्ध कॉलेजों ने शैक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए मंगलवार से शुरू होने वाले दाखिलों को टालने का ऐलान किया. दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रधानाचार्य संघ की आपात बैठक के बाद इसके अध्यक्ष एस के गर्ग ने ऐलान किया कि उन्होंने मंगलवार से शुरू होने वाली दाखिले की प्रक्रिया तब तक के लिए टालने का फैसला किया है जब तक सक्षम अधिकारी द्वारा इस मुद्दे पर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी न कर दिए जाएं.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा डीयू को अपना आदेश पालन कराने के लिए दी गई सोमवार दोपहर तक की समयसीमा खत्म होने के कुछ घंटों बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रधानाचार्य संघ ने यह फैसला किया. यूजीसी ने अपने आदेश में कहा था कि डीयू के कॉलेजों में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम की बजाय तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में छात्रों के दाखिले लिए जाएं.
गर्ग ने कहा कि डीयू और यूजीसी की तरफ से जारी दिशानिर्देशों में विरोधाभास था. उन्होंने कहा, ‘अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है. इस विरोधाभास के कारण हमारे लिए दाखिले की प्रक्रिया संचालित करना संभव नहीं है.’ गर्ग ने कहा, ‘लिहाजा, प्रधानाचार्य संघ ने फैसला किया है कि जब तक स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं कर दिए जाते तब तक दाखिले की प्रक्रिया टाली जाएगी. बैठक में 36 प्रधानाचार्य मौजूद थे. शेष प्रधानाचार्यों को फैसले के बारे में बता दिया जाएगा.’ गर्ग के मुताबिक, छात्रों, अभिभावकों और कॉलेजों के हित में यह फैसला किया गया है.