मुंबई के बाद अब दिल्ली में भी प्रदर्शन के दौरान फ्री कश्मीर का पोस्टर देखा गया है. यह पोस्टर JNU हिंसा के विरोध में बुधवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुए प्रदर्शन के दौरान देखा गया. पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
दरअसल, स्थानीय पुलिस को कुछ तस्वीरें मिली हैं जिसमें कश्मीर आजाद लिखा हुआ है. हालांकि तस्वीर में पूरा पोस्टर नहीं दिख रहा और ना ही जिसने पोस्टर पकड़ा है उसकी शक्ल. पुलिस ने फोटो को स्पेशल सेल के पास जांच के लिए भेज दिया है. हालांकि पुलिस को इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली और ना ही इसमें कोई एफआईआर दर्ज की गई है.
दरअसल जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर बुधवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट किया. दिल्ली यूनिवर्सिटी के नार्थ कैंपस और सेंट स्टीफेंस कॉलेज में छात्रों का जमावड़ा लगा इस दौरान आजादी आजादी के नारे लगे. लेकिन प्रोटेस्ट के दौरान के कुछ फोटो लोकल पुलिस को मिले जिसमें 'कश्मीर आज़ाद' लिखा है.
पोस्टर पूरा पुलिस को नहीं दिख रहा है, न पोस्टर जो पकड़ा है उसकी शक्ल पूरी तरह पुलिस को दिख रही है. इस मामले पर डीसीपी का कहना है कि स्पेशल सेल जांच करके देगी उसी के बाद कोई एक्शन लिया जाएगा.
गेटवे ऑफ इंडिया पर फ्री कश्मीर का पोस्टर महक मिर्जा प्रभु ने लहराया था. इस पोस्टर के बाद विवाद बढ़ गया था. भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) शिवसेना, कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी(एनसीपी) पर हमलावर हो गई थी. मुंबई पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी.
Delhi Police has taken cognizance of a social media post in which a poster reading 'Kashmir Azaad' can be seen at a college protest. Delhi Police Special Cell to verify the authenticity of the photograph in the post, hold enquiry and take appropriate action.
— ANI (@ANI) January 8, 2020
क्या है पूरा मामला?
महक मिर्जा प्रभु ने सोमवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर हुए प्रदर्शन के दौरान फ्री कश्मीर का पोस्टर लहराया था. वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' पोस्टर पर कहा कि कश्मीर में इंटरनेट नहीं है और वहां पर कई अन्य तरह की पाबंदिया भी हैं. उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह कश्मीर की आजादी की मांग कर रही थी. हम अभी भी उसके इरादे के बारे में अधिक जानकारी जुटा रहे हैं. हम मामले की जांच करेंगे.
महक मिर्जा प्रभु दे चुकी हैं सफाई
फ्री कश्मीर के पोस्टर पर विवाद खड़ा होने के बाद महक मिर्जा ने एक वीडियो मैसेज जारी किया था. महक मिर्जा ने कहा था कि प्लेकार्ड केवल कश्मीर में तालाबंदी के विरोध में था. इसके अलावा कोई और मंशा उनकी नहीं थी. महक ने कहा है कि वह पेशे से एक लेखिका हैं . वह कश्मीर से नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र की ही रहने वाली हैं. महक ने कहा, 'मेरे पोस्टर के बाद सोशल मीडिया पर जिस तरह से विवाद हुआ है, इससे मुझे झटका लगा है. इसके पीछे कोई एजेंडा या मोटिव नहीं था.