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देशभर में कोरोना की दूसरी लहर धीरे-धीरे काबू में आ रही है. सुस्त पड़ती इस रफ्तार के बीच अलग-अलग राज्यों में अब अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरु हो रही है. आज से दिल्ली में फैक्ट्री खुल रही है और कंस्ट्रक्शन का काम भी शुरू हो रहा है. रॉ मटेरियल की दुकानें बंद हैं, लेकिन अभी सावधान रहने की भी बेहद जरुरत है.
कोरोना का ग्राफ नीचे गिरा तो दिल्ली में कारोबार के ग्राफ बढ़ाने की तैयारी शुरु हो गई. रोजाना एक हजार से कम मरीजों की संख्या आने के बाद दिल्ली में आज से फैक्ट्रियां खुल गईं. अनलॉक होते ही दिल्ली के आनंद पर्वत के इंडस्ट्रियल इलाके में फैक्ट्री मालिकों के चेहरे पर खुशियां लौट आईं, हालांकि दिल्ली में लॉकडाउन 7 जून तक जारी रहेगा.
कोरोना की तबाही की वजह से दिल्ली में 20 अप्रैल को लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी. लॉकडाउन ने आर्थिक हालात कमजोर कर दिए, लेकिन जैसे ही हालात सुधरने लगे केजरीवाल सरकार ने आर्थिक व्यवस्था को ऑक्सीजन देने का सिलसिला शुरु करने का फैसला लिया, हालांकि अभी भी कोरोना का खतरा टला नहीं है.
बिना वैक्सीनेशन के कोरोना से लड़ा नहीं जा सकता, ये बात बार बार एक्सपर्ट्स कहते रहे हैं, और इसी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी ज़ोर देता रहा है, लेकिन जिस तरह से वैक्सीनेशन की रफ्तार कमज़ोर पड़ी, उसने सबकी चिंता बढ़ा दी है. WHO ने कहा है कि ये महामारी तब तक खत्म नहीं होगी, तब तक 70 फीसदी आबादी को टीका नहीं लग जाता.
डोज़ के हिसाब से देखे तो जनवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन में भारत ने चार महीने में अब तक 21 करोड़ से ज़्यादा टीके लगाए हैं, जो चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज़्यादा है, लेकिन आबादी के हिसाब से देखें तो भारत में अब तक करीब 4 करोड़ 45 लाख लोगों को ही दोनों डोज़ लगी हैं, यानी 3.1 प्रतिशत आबादी का ही वैक्सीनेशन पूरा हो पाया है.
देश में करीब 16 करोड़ 76 लाख लोगों को एक डोज़ लग गई है, जो 135 करोड़ की कुल आबादी का 15 प्रतिशत के करीब ही है यानी इस आंकड़े को 70 प्रतिशत आबादी तक पहुंचाना, बहुत बड़ी चुनौती है. वो भी तब जब भारत में तीसरी लहर का सीधा खतरा है और वैक्सीन की बहुत बड़ी किल्लत है.
सरकार का टारगेट ये है कि दिसंबर तक करीब 94 करोड़ की पूरी वयस्क आबादी को टीका लगा दिया जाए, लेकिन ऐसा करने के लिए अनुमान है कि अगस्त से हर दिन कम से कम 90 लाख डोज़ लगानी होंगी, जबकि पिछले 24 घंटे में करीब 30 लाख 35 हज़ार टीके लगाए हैं. इसके हिसाब से वैक्सीनेशन की रफ्तार आगे कम से कम 3 गुना बढ़ानी होगी
हालांकि कोरोना से खतरे के बीच हमें आज नहीं तो कल, अनलॉक की प्रक्रिया की तरफ बढ़ना ही होगा, क्योंकि ये कोरोना से लड़ाई का स्थाई समाधान नहीं है. कोरोना से लड़ाई सिर्फ वैक्सीनेशन से ही जीती जा सकती है. लॉकडाउन की पाबंदियों में छूट के बाद आगे केस बढ़ने के किसी खतरे और आशंका को वैक्सीनेशन से ही कम किया जा सकता है.
(आजतक ब्यूरो)