लंबे इंतजार के बाद दिल्ली के आईटीओ पर बने स्काईवॉक को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. सोमवार को केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने स्काईवॉक का उद्घाटन किया.
वहीं इस उद्घाटन समारोह में दिल्ली सरकार के किसी प्रतिनिधि को निमंत्रित नहीं किया गया. बता दें कि केजरीवाल सरकार में PWD मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया था कि स्काईवॉक ब्रिज का डिजाइन बनाने से लेकर ITO पर इसका निर्माण करने तक का पूरा काम दिल्ली सरकार ने किया है.
प्रोजेक्ट में देरी के लिए केजरीवाल सरकार पर निशाना
उद्घाटन के बाद हरदीप सिंह पुरी ने इस प्रोजेक्ट में देरी के लिए केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा . उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2015-2016 में की गई थी. प्रोजेक्ट में 80 फीसदी पैसा केंद्र को और 20 फीसदी पैसा दिल्ली सरकार को देना था लेकिन दिल्ली सरकार इस मामले को टालती रही और आखिरकार उन्होंने पैसा नहीं दिया .
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने 2017 में प्रोजेक्ट में डीडीए को शामिल किया. इसके तहत डीडीए ने 20 फीसदी पैसे दिए., तो विवाद कैसा. पुरी ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार की वजह से इस प्रोजेक्ट में देरी हुई. जहां तक पीडब्ल्यूडी विभाग के बनाने की बात है तो आपको बात दें कि सीपीडब्लूडी और पीडब्लूडी के इंजीनियर एक ही होते हैं, जो ट्रांसफर पर आते हैं.
वहीं बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली के सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल झूठ बोलने में माहिर हैं. उन्होंने रोड़े अटकाए, उनको इसका श्रेय चाहिए. उनकी वजह से प्रोजेक्ट में देरी हुई. जब केजरीवाल सरकार इसे लटकाती रही तब केंद्र ने पूरा पैसा दिया और अब शिकायत कर रहे हैं.
बता दें कि इस प्रोजेक्ट को बनाने में 55 करोड़ रुपये खर्च आया जिसका पूरा पैसा केंद्र सरकार ने दिया. इस स्काईवॉक का करीब 30,000 लोग रोजाना इस्तेमाल करेंगे. इसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, साथ ही रोशनी के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं. इसमें LED बल्ब, 4 लिफ्ट्स लगे हैं.