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नोटबंदी की परेशानियों के बीच गांववालों ने मनोज तिवारी को दिया 'हल'

हर कोई कैश की किल्लत का हल तलाश रहा है, नोटबंदी से परेशान सरकार भी मानती है और लाइन में लगे लोग भी. बीजेपी भी गली-गली जाकर नोटबंदी के फायदे समझाने में जुटी है और कैशलेस सिस्टम को मौजूदा परेशानी का समाधान बता रही है, इसी बीच दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष भी दिल्ली के देहात में डिजिटल बैंकिंग का प्रचार करने पहुंचे, तो यहां सचमुच उन्हें हल मिल गया.

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बीजेपी सांसद मनोज तिवारी
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी

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हर कोई कैश की किल्लत का हल तलाश रहा है, नोटबंदी से परेशान सरकार भी मानती है और लाइन में लगे लोग भी. बीजेपी भी गली-गली जाकर नोटबंदी के फायदे समझाने में जुटी है और कैशलेस सिस्टम को मौजूदा परेशानी का समाधान बता रही है, इसी बीच दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष भी दिल्ली के देहात में डिजिटल बैंकिंग का प्रचार करने पहुंचे, तो यहां सचमुच उन्हें हल मिल गया.

जी हां नज़फगड़ में हुई सभा के दौरान यहां गांव के लोगों ने भोजपुरी गायक से नेता बने मनोज तिवारी का स्वागत खेतों में चलाए जाने वाले हल से किया. हालांकि ये गांव की परंपरा है, जिसमें कोई भी नेता या बड़ी हस्ती उनके बीच पहुंचती है तो खेती के प्रतीक हल को भेंटकर उनका स्वागत किया जाता है, लेकिन कुछ लोगों ने यहां चुटकी ली, कि नेताजी गांव देहात में नोटबंदी के बाद हो रही समस्याओं का समाधान सुझाने पहुंचे थे, लेकिन 'हल' तो उन्हें मिल गया.

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दरअसल दिल्ली बीजेपी ने नोटबंदी के बाद लोगों को डिजिटल इकोनॉमी और कैशलेस सिस्टम के फायदे बताने के लिए देहात संवाद नाम से कार्यक्रम शुरु किया है. इसी सिलसिले में नए नए अध्यक्ष बने भोजपुरी गायक नजफगढ पहुंचे. यहां तिवारी को देखने और सुनने के लिए बड़ी तादाद में लोग भी पहुंचे और उनका जबरदस्त स्वागत भी हुआ. सेलिब्रिटी चेहरे को अध्यक्ष बनाने से गदगद बीजेपी के नेताओं ने मौके का इस्तेमाल किया और मोदी के कैशलेस मनी मंत्र को भी आजमाया.

दिल्ली देहात संवाद में डिजिटल भुगतान और मोबाइल बैंकिंग के साथ ही किसानों को केजरीवाल सरकार द्वारा फसल मुआवजे में देरी, कृषि पावर दरों में वृद्धि, ग्रामीणों के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अभावों पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री द्वारा नकदी रहित अर्थव्यवस्था विकसित किये जाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि संभव है आज इससे कुछ असुविधायें हो रही हैं पर अंततः इसका सबसे बड़ा लाभ किसानों और मजदूरों को होगा. उन्होंने कहा कि हमनें देखा है कि नकद भुगतान प्रक्रिया के चलते अकसर किसान को फसल की कीमत या मुआवजा पूरे नहीं मिलते और मजदूरों को न्यूनतम मान्य भुगतान नहीं मिलता. तिवारी ने ये भी कहा कि जब भुगतान बैंक के माध्यम से करना अनिवार्य हो जायेगा तो व्यवस्था पारदर्शी होगी और किसान एवं मजदूर दोनों को पूरा भुगतान मिलेगा.

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यहां मौजूद सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में आज जो प्रगति नजर आती है वह हमारे बुजुर्गों के वक्त के साथ बदलने का परिणाम है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित नकदी रहित अर्थव्यस्था को सफल बनाने में भी हमारे बुजुर्गों ने पहल की है. मैंने विभिन्न बैंकों के बाहर अपने व्यवस्था दौरों के दौरान यह पाया कि वयोवृद्ध लोग लाइन में लगने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब साधारण फोन से भी मोबाइल बैंकिंग का प्रयोग किया जा सकता है और इसमें जहां आवश्यकता हो ग्रामीण युवकों को परिवार के बुजुर्गों की मदद करनी चाहिए. बीजेपी दिल्ली के देहाती इलाकों में लगातार इसी तरह के आयोजन कर गांवों में नोटबंदी के बाद कैशलेस व्यवस्था को प्रचारित करेगी, ताकि कैश की किल्लत से लोगों को राहत दिलाई जाए.

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