नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन में पिछले महीने दिल्ली में हुई हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. क्राइम ब्रांच की ओर से इस मामले में पूछताछ के लिए कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान, स्थानीय नेता आशु खान को बुलाया गया है. दोनों नेताओं पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगा है इसी मामले में केस भी दर्ज किया गया है.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने CRPC के सेक्शन 160 के तहत दोनों नेताओं को चाणक्यपुरी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया है. पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ मोहम्मद खान पर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी हिंसा को लेकर, वहीं स्थानीय नेता आशु खान को जामिया नगर इलाके में हुई हिंसा को लेकर नोटिस भेजा है.
Asif Muhammad Khan, former Congress MLA: Police have no evidence against me. I was in Shaheen Bagh, participating in the protests which are going on till now, at the time when buses were set on fire there. Police was also recording my speeches, this is my biggest evidence. https://t.co/FgZJXgzkQg pic.twitter.com/0nmkfz7MvB
— ANI (@ANI) January 24, 2020
नोटिस पर क्या बोले कांग्रेस नेता?
क्राइम ब्रांच के नोटिस पर कांग्रेस नेता आसिफ मोहम्मद खान का कहना है कि पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. जब बसों में आग लगाई गई, मैं शाहीन बाग में था और प्रदर्शन में हिस्सा ले रहा था. पुलिस तब मेरे भाषण भी रिकॉर्ड कर रही थी, जो कि मेरा सबसे बड़ा सबूत है. कांग्रेस नेता का कहना है कि उन्हें कल शाम को नोटिस मिला था, मैं किसी हिंसा में शामिल नहीं था.
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कब हुई थी दिल्ली में हिंसा?
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ जामिया के छात्रों द्वारा बुलाए गए मार्च के दौरान हिंसा हुई थी. 15 दिसंबर, 2019 को जामिया नगर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कुछ सरकारी बसों, वाहनों में तोड़फोड़ की थी और आगजनी भी हुई थी. ये हिंसा जामिया इलाके से होते हुए न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी तक फैल गई थी.
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जामिया हिंसा की FIR में नेताओं का नाम
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने जामिया नगर इलाके में हुई हिंसा के बाद जो एफआईआर दर्ज की थी, उनमें कई छात्र नेता और नेताओं के नाम शामिल थे. ओखला से कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान के अलावा स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर के भी नाम हैं. इन 4 नेताओं के अलावा जामिया के तीन छात्रों को भी एफआईआर में नामजद किया गया है.