ED ने ताहिर के खिलाफ PMLA (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत केस दर्ज किया है. आजतक/इंडिया टुडे को सूत्रों से जानकारी मिली है कि ED ने ताहिर की संपत्तियों की पहचान शुरू कर दी है. जल्दी ही इन संपत्तियों को अपराध की कमाई से जुड़ी मान कर जब्त किया जा सकता है.
ED ने दिल्ली पुलिस की एफआईआर का संज्ञान लिया है जिसके मुताबिक ताहिर पर दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में दंगों में हिस्सा लेने और उन्हें प्रायोजित करने का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक ED उस पैसे के स्रोत्र को जानने की कोशिश कर रही है जिस पैसे का कथित तौर पर दिल्ली में हिंसा भड़काने के लिए इस्तेमाल किया गया.
ED को शक-ताहिर को कहीं से मिला फंड
ताहिर को कोर्ट में सरेंडर करने के बाद दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी इलाके में ताहिर की चार मंजिली इमारत से हिंसा के दौरान पथराव किया गया और पेट्रोल बम फेंके गए.
ED को शक है कि कुछ व्यक्तियों और संगठनों ने दंगे और हिंसा भड़काने के लिए ताहिर को फंड उपलब्ध कराए हो सकते हैं. इन्हीं कड़ियों को जांच एजेंसी जोड़ने में लगी है.
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ताहिर हुसैन का नाम इंटेलीजेंस ब्यूरो के एक स्टाफ सदस्य की दंगे के दौरान हत्या से जुड़ी एफआईआर में भी है. हालांकि ताहिर हुसैन ने अपने खिलाफ सभी आरोपों को खारिज किया है. ताहिर ने यह दावा भी किया कि हिंसा के दौरान अपनी जान बचाने के लिए उसने दो बार पुलिस से संपर्क भी किया था. पुलिस ताहिर के ऐसे दावों को झूठा और बेबुनियाद बता रही है.