राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने सरकार को जल्द से जल्द शांति स्थापित करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को हिंसा पीड़ित इलाकों में जाना चाहिए और लोगों से बात करनी चाहिए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने साथ ही कहा है कि दंगा पीड़ितों को मुआवजा देने की सुविधा होनी चाहिए, साथ ही फोन सर्विस को सुचारू करना चाहिए. हिंसा पर सुनवाई के दौरान अदालत ने क्या-क्या निर्देश दिए हैं, यहां पढ़ें...
- दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री को जनता के बीच जाना चाहिए. हिंसा पीड़ित इलाकों में जाकर लोगों में विश्वास पैदा करना चाहिए.
- दंगा पीड़ितों को ले जा रही एम्बुलेंस को अस्पताल जाने के लिए रास्ता खाली करवाएं.
- पुलिस हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाए और उनका प्रचार सुचारू रूप से किया जाए.
Delhi violence matter in Delhi High Court: Court said that the CM and Deputy CM should also visit the affected areas for confidence-building among people. This is the time to reach out. pic.twitter.com/DylAXS5PNx
— ANI (@ANI) February 26, 2020
- मदद के लिए आ रहे फोन से निबटने के लिए पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए.
- प्राइवेट अस्पतालों की एम्बुलेंस की भी मदद ली जाए और घायलों को अस्पताल पहुंचाया जाए.
- सिविल वॉलंटियर्स को सड़कों पर उतारा जाए और लोगों से शांति की अपील की जाए.
- हेल्पलाइन नंबर 112 की सुविधा को बढ़ाया जाए.
- क्या हमारे पास सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स और मार्शल की सुविधा है? क्या उन्हें मदद के लिए बुलाया जा सकता है?
- दिल्ली सरकार की ओर से हिंसा पीड़ितों को मुआवजा दिया है.
- नौकरशाहों की जगह आम लोगों की मदद ली जानी चाहिए.
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गौरतलब है कि इसी दौरान हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हम अभी भी 1984 के पीड़ितों के मुआवजे के मामले से निपट रहे हैं. ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए, लोगों से बात जरूर करनी चाहिए.
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर दिल्ली में हुए बवाल में अबतक 22 लोगों की जान जा चुकी है. उत्तर पूर्व दिल्ली के क्षेत्र में पिछले दिनों हिंसा के दौरान आगजनी की गई और तोड़फोड़ की गई.