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दिल्ली हिंसा: राष्ट्रपति को लिखा पत्र, निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाने की मांग

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा की जांच के लिए तीन विशेष जांच दल बनाए हैं लेकिन खुद पुलिस पर ही हिंसा में साथ देने के संगीन आरोप लग रहे हैं.

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दिल्ली में भड़की थी हिंसा (फाइल फोटो-पीटीआई)
दिल्ली में भड़की थी हिंसा (फाइल फोटो-पीटीआई)

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  • सीएए के खिलाफ राजधानी दिल्ली में हुई थी हिंसा
  • दिल्ली हिंसा को लेकर राष्ट्रपति को लिखा गया पत्र

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में इस साल फरवरी के महीने में हिंसा देखी गई थी. अब दिल्ली हिंसा के मामले में देश के जाने-माने 72 लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है. राष्ट्रपति को लेकर पत्र में दिल्ली हिंसा के लिए जांच की मांग की गई है.

दिल्ली हिंसा को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भेजने वाले लोगों में वकील प्रशांत भूषण समेत पूर्व नौकरशाह, राजनयिक, नेता, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं. पत्र में राष्ट्रपति से अपील की गई है कि दिल्ली हिंसा की जांच किसी अन्य निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली पुलिस ने हिंसा की जांच के लिए तीन विशेष जांच दल बनाए हैं लेकिन खुद पुलिस पर ही हिंसा में साथ देने के संगीन आरोप लग रहे हैं. ऐसे में दिल्ली हिंसा की जांच किसी अन्य निष्पक्ष एजेंसी से करवाई जाए.

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राष्ट्रपति को पत्र भेजने वालों में कई जाने मामले लोग शामिल हैं. इनमें जे एफ रिबेरो, अरुणा राय, जवाहर सरकार, प्रशांत भूषण, प्रभात पटनायक, निखिल डे, प्रोफेसर जयति घोष, पूर्व राजदूत शिवशंकर मुखर्जी और अमिताभ पांडे भी शामिल हैं.

फरवरी में हुई थी हिंसा

बता दें कि इसी साल 23 से 26 फरवरी के दौरान दिल्ली में सीएए के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा ने सांप्रदायिक रूप लिया और कई लोगों की इसमें जान चली गई. दिल्ली हिंसा में आधिकारिक तौर पर 50 से ज्यादा लोगों की हत्या की पुष्टि की गई है.

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