दिल्ली के विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले संचालक व अन्य लोगों पर कार्रवाई हो रही है. वहीं पुलिस और फोरेंसिक की टीम जांच में जुटी हुई है. फिर भी जिन मासूमों की जान सुरक्षा मानकों की अनदेखी और लापरवाही के कारण चली गई, उनके माता-पिता का दुख लाख कोशिशों के बाद खत्म नहीं हो रहा. ऐसा एक शख्स सोमवार को घटनास्थल पर पहुंच गया और रो-रोकर अपनी बेटी से मिलवाने की गुहार लगाने लगा.
मिली जानकारी के अनुसार विवेक विहार बेबे केयर सेंटर के बाहर अनजान नाम का एक शख्स रविवार को जोर-जोर से अपनी बेटी को याद कर रोने लगता है. वह अपनी बच्ची को दफनाकर लौटा था. उसने बताया कि उसकी बेटी सिर्फ बारह दिन की थी. उस मासूम ने तो दुनिया को अभी ठीक पहचाना भी नहीं था और यहां से रुख्सत हो गई. उसने बताया कि वह अपनी बेटी से मिल भी नहीं पाया था. परसों देर रात उसे खबर मिली कि अस्पताल में आग लग गई है. उसकी बेटी की मौत हो गई.
12 दिन की बच्ची की हुई मौत
अनजान ने बताया कि उसकी बेटी के पेट में कुछ गंदा पानी चला गया था. इस कारण से उसका इलाज कराने के लिए यहां भर्ती कराया गया था. वह सिर्फ 12 दिन की थी. वह शख्स जोर-जोर से रोते हुए अपनी बेटी से मिलवाने की गुहार लगा रहा था. वह रोते हुए कह रहा था कि कोई मुझे एक बार अपनी बच्ची से मिलवा दो. इसके साथ ही वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पीएम नरेंद्र मोदी से भी इंसाफ की गुहार लगाता रहा.
7 नवजात की हुई मौत
दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में 7 बच्चों की मौत हो गई है. FIR में खुलासा हुआ है कि मौके पर 5 ऑक्सीजन सिलेंडर फटे हुए बरामद हुए. 27 ऑक्सीजन सिलेंडर बिल्डिंग पर अंदर और बाहर पड़े मिले थे. बेबी केयर के मालिक नवीन खींची और उसके साथियों ने अस्पताल की सुरक्षा का उचित प्रबंध ना करके नवजात शिशुओं की जान को खतरे में डालकर अपराध किया. सिलेंडर ब्लास्ट से आस पास के मकान के शीशे टूटे. बिल्डिंग में आग लगने से कुछ पदार्थ बिल्डिंग के पास बने ITI कॉलेज में गिरा. इस कारण वहां भी आग लग गई. स्कूटी और एक वैन भी आग की चपेट में आया.