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दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबले में रिकार्ड मतदान

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर चुनाव के लिए बुधवार को सुबह आठ बजे वोटिंग शुरू हुई. दिल्ली में शाम 5 बजे तक 70 फीसदी वोटिंग हो चुकी है. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है. नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 74.10 फीसदी, ग्रेटर कैलाश में 79 प्रतिशत और आर के पुरम में बंपर 80.50 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है.

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सोनिया गांधी और शीला दीक्षित ने भी डाला अपना वोट
सोनिया गांधी और शीला दीक्षित ने भी डाला अपना वोट

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के लिहाज से बड़ी परीक्षा माने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को हुए मतदान में रिकॉर्ड 66 प्रतिशत मतदाताओं ने भाग लिया. बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.

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बीजेपी ने कांग्रेस को चौथी बार आने से रोकने के लिए भरसक प्रयास किये वहीं पहली बार मैदान में उतरी अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी ने भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोनों बड़े दलों को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. दिल्ली के कुल 1.19 करोड़ मतदाताओं में से करीब 80 लाख ने 810 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला किया है.

नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 74.10 फीसदी, ग्रेटर कैलाश में 79 प्रतिशत और आर के पुरम में बंपर 80.50 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी है.

बताया जा रहा है कि वोटिंग की टाइमिंग को 5 बजे से बढ़ाया गया है, क्योंकि पोलिंग बूथों के बाहर अब भी भारी भीड़ बताई जा रही है. समय में तकरीबन डेढ़ घंटे का इजाफा किया गया है.

सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री शीला दीक्षित साथ में वोट डालने पहुंची. वोट डालने के बाद शीला दीक्षित ने उंगली पर लगी स्याही के साथ 'विक्ट्री' का इशारा भी किया. राहुल गांधी भी अपना वोट डाला.

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इससे पहले आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया ने भी वोट डाला. बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन ने भी वोट डाला. उन्होंने वोट डालने के बाद कहा, 'हम कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से बहुत आगे हैं और जीत को लेकर आश्वस्त हैं.'

कुल 1.19 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के योग्य हैं, जिनमें से 66.11 लाख पुरुष और 53.20 लाख महिलाएं हैं. पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 4.05 लाख है. चुनाव मैदान में कुल 810 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और कांग्रेस, बीजेपी और AAP के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.

प्रदेश के 11,000 से अधिक मतदान केंद्रों में से 630 मतदान केंद्रों की पहचान संवेदनशील और अत्यंत संवेदनशील मतदान केंद्रों के तौर पर की गई है. कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह आठ बजे दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतदान शुरू हो गया जिसमें मतदाता इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के जरिये अपनी पसंद जाहिर करेंगे.

बीजेपी ने 66 विधानसभा सीटों पर और कांग्रेस और AAP ने सभी 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने 69 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 9 सीटों पर और समाजवादी पार्टी ने 27 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं.

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चुनाव मैदान में कुल 224 निर्दलीय प्रत्याशी भी हैं. शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस के 32,801 जवान और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 107 कंपनियां तैनात की गई हैं.

4.05 लाख से अधिक वोटर पहली बार करेंगे वोटिंग
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय देव ने कहा, ‘हमने सुरक्षित माहौल में निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान कराने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं.’ मतदान में 1.19 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे जिनमें 4.05 लाख से अधिक वोटर पहली बार चुनाव में शामिल होंगे.

810 उम्मीदवार चुनावी दंगल में
70 सदस्यीय विधानसभा के लिए 810 उम्मीदवार चुनावी दंगल में हैं. बीजेपी ने 66 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं जबकि कांग्रेस और आप सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बसपा ने 69, एनसीपी ने 9 और सपा ने भी 27 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. कुल 224 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना राजनीतिक भाग्य आजमा रहे हैं.

पहली बार नोटा
दिल्ली में पहली बार ‘इनमें से कोई नहीं’ (नोटा) का विकल्प भी मतदाताओं को उपलब्ध होगा. देव ने दिल्ली के मतदाताओं से वोट डालने का अनुरोध किया है और ‘दिल में है दिल्ली, वोट करेंगे’ नारे की याद दिलाई है.

2008 में राजधानी में 57.58 प्रतिशत मतदान
चुनाव आयोग को इस बार रिकॉर्ड मतदान की उम्मीद है. 2008 में राजधानी में 57.58 प्रतिशत मतदान ही हुआ था.

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आम आदमी पार्टी पर टिकी होगी नजरें
इस बार सभी की नजरें राजनीति के क्षेत्र के नये खिलाड़ी आम आदमी पार्टी पर टिकी होगी. कड़े मुकाबले में पिछले 15 साल से वनवास में चल रही बीजेपी ने सत्ता पाने के लिए जोरदार प्रचार किया जबकि शीला दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस अपने चौथे कार्यकाल के लिए अपने विकास एजेंडे से लोगों को लुभाने की जी-तोड़ कोशिश की. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने चुनावी दंगल का परिदृश्य ही बदल डाला है. ऐसे में अब यह देखना रोचक होगा कि क्या अपने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से आप बस खेल बिगाड़ेगी या कुछ सीटें भी जीतेंगी जैसा कि ओपिनियन पॉल में अनुमान लगाया गया है.

चुनाव के पहले करीब 150 कार्टन शराब, 26 लाख रुपये जब्त
दिल्ली में मतदान से पहले मंगलवार शाम पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग हिस्सों से करीब 150 कार्टन शराब और 26 लाख रुपये से ज्यादा नकदी बरामद की है. आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ पुलिस ने बदरपुर, कल्याणपुरी, सराय रोहिल्ला, बिंदापुर, न्यू अशोक नगर, नरेला, सीताराम बाजार और आनंद पर्वत जैसे इलाकों में राजनीतिक दलों की ओर से बांटे जाने वाले शराब कार्टन को जब्त किया. आनंद पर्वत से 68, सीताराम बाजार से 26 और शाहदरा से 60 अवैध शराब की पेटियां जब्त की गई है. अलग-अलग जगहों से तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़े कुछ पुराने तथ्य
- वर्ष 1952 में दिल्ली सी श्रेणी का राज्य था और इसके पहले मुख्यमंत्री कांग्रेस के ब्रह्मप्रकाश थे. उसके बाद 1955 में गुरमुख निहाल मुख्यमंत्री बने.
- वर्ष 1956 में विधानसभा की व्यवस्था खत्म कर दी गई और उसके स्थान पर 1966 में दिल्ली महानगर परिषद का प्रावधान किया गया.
- दिल्ली के राज्य बनने के बाद 1993 में भारतीय जनता पार्टी ने यहां पहला विधानसभा चुनाव जीता. 1993 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 49 सीटों पर विजय हासिल हुई थी. कांग्रेस को 14 सीटें और तीन स्थानों पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए थे. दिल्ली में उस समय 70 सीटों पर 61.75 प्रतिशत मतदान हुआ था. मदनलाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री बने. पांच वर्ष के कार्यकाल में बीजेपी के तीन मुख्यमंत्री हुए. अन्य दो साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज थे.
- वर्ष 1998 के चुनाव में कांग्रेस को विजय हासिल हुई. उसने 70 में से 52 सीटों पर विजय हासिल की. पार्टी ने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री चुना. बीजेपी को केवल 15 सीटें मिलीं. जनता दल को एक और निर्दलीय उम्मीदवार दो स्थानों पर विजयी हुए. उसके बाद से बीजेपी दिल्ली की सत्ता में वापस नहीं लौटी.
- वर्ष 2003 के चुनाव में बीजेपी ने अपनी सीटों की संख्या 15 से बढ़ाकर 20 कर ली लेकिन सरकार कांग्रेस की ही बनी. कुल 53.42 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
- वर्ष 2008 में भी कांग्रेस की सरकार बनी और शीला दीक्षित लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनने वाली देश की प्रथम महिला बनीं. कांग्रेस को 43 सीटों और बीजेपी को 23 सीटों पर जीत हासिल हुई. कुल 57.58 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला.

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