दिल्ली में भीषण गर्मी के बीच पानी की किल्लत (Delhi water crisis) से जुड़े मामले में अब दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस पर जल्द सुनवाई की गुजारिश की है. बता दें कि दिल्ली में पानी की किल्लत का मामला पहले ही रविवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. अब दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की है. फिलहाल इसपर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जवाब दिया जाना बाकी है.
इससे पहले रविवार को हरियाणा सरकार के खिलाफ दिल्ली जल बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दोबारा से याचिका दाखिल की है. इसमें दिल्ली जल बोर्ड का आरोप है कि हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी रोक लिया है. दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा (Raghav chadha) ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई अर्जी के बारे में बताया था.
राघव चड्ढा ने साधा था हरियाणा सरकार पर निशाना
न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, राघव चड्ढा ने दावा किया था कि हरियाणा दिल्ली के खाते का 120 मिलियन गैलन पानी रोजाना (एमजीडी) रोक रहा है और पड़ोसी राज्य द्वारा यमुना में छोड़ा जा रहा पानी ‘अब तक के सबसे निचले स्तर’ पर है. चड्ढा ने ट्वीट किया था, ‘डीजेबी ने सुप्रीम में याचिका दाखिल कर दिल्ली के पानी के वैध हिस्से को हरियाणा से मुक्त करने का अनुरोध किया है. इसका फैसला शीर्ष अदालत ने 1995-96 में ही किया था. दिल्ली में कठिन समय है क्योंकि हरियाणा ने न्यायालय के मौजूदा आदेश की पूरी तरह अवमानना करते हुए दिल्ली का पानी रोक दिया है.' चड्ढा ने आगे लिखा था कि दिल्ली के पास अपना जल स्रोत नहीं है.
दिल्ली जल बोर्ड, गर्मी के महीने में शहर की 1,150 एमजीडी जल आपूर्ति की मांग की जगह 945 एमजीडी जल की आपूर्ति ही कर पा रहा है. मौजूदा समय में दिल्ली को हरियाणा से 609 एमजीडी की जगह 479 एमजीडी जल ही मिल रहा है. इसके अलावा दिल्ली को 90 एमजीडी पानी भूजल से और 250 एमजीडी ऊपरी गंग नहर से मिलता है.