देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले अब कम होने लगे हैं और स्थिति इतनी कंट्रोल में तो आ ही गई है कि सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से अब अनलॉक की प्रक्रिया को भी हरी झंडी दिखा दी गई है. लेकिन इस बीच अब डेंगू के बढ़ते मामलों ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है. जिस डेंगू पर दिल्ली ने काफी हद तक जीत हासिल कर ली थी, अब एक फिर उसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि पिछले आठ साल का रिकॉर्ड टूट गया है.
दिल्ली में डेंगू का खतरा फिर बढ़ा
अब इस बार डेंगू से लड़ने के लिए दिल्ली एमसीडी की तरफ से खास तैयारी की जा रही है. बताया गया है कि तीनों एमसीडी के पास 51 पॉलिक्लिनिक और 100 से ज्यादा डिस्पेंसरी हैं, अब इनका इस्तेमाल डेंगू के खिलाफ लड़ाई में किया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि डेंगू के मामलों ने पिछले 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दिल्ली में जनवरी से लेकर मई के बीच पिछले 8 सालों में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं.
अब तक राजधानी में 25 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वैसे पिछले कुछ सालों से तो दिल्ली सरकार की तरफ से डेंगू, मलेरिया के खिलाफ बड़े स्तर पर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. रेडियो, अखबार और दूसरे माध्यमों के जरिए लोगों को जरूरी जानकारी दी जा रही है, ऐसे में अब जब डेंगू का संकट फिर दिल्ली के सिर मंडरा रहा है, ऐसे में और क्या जरूरी कदम उठाए जाएंगे, इस पर सभी की नजर रहने वाली है.
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जलभराव से दिल्ली कैसे निपटेगी?
वैसे दिल्ली में अब बरसात भी दस्तक देने जा रही है. राजधानी का ऐसा इतिहास रहा है कि यहां पर कुछ इलाकों में हर बार भारी जलभराव देखने को मिल जाता है. ये समस्या तो हर साल देखने को मिलती है, लेकिन समाधान कुछ नहीं हो पाता और इस पर सिर्फ राजनीति होती रहती है. अब इस साल फिर ये मुद्दा सामने आया है और कई तरह के दावे भी किए जा रहे हैं.
महापौर जय प्रकाश ने बताया कि दिल्ली में मुख्यता पांच एजेंसियों के नाले हैं जिन में बड़े नाले दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग, डीएसआईडीसी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली जल बोर्ड के हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों के छोटे नालों की निकासी दिल्ली सरकार के इन विभागों के बड़े नालों में है. उन्होंने कहा कि यदि सभी एजेंसियां मिलकर मॉनसून से पहले कार्य करें तो दिल्ली को जल भराव की स्थिति से बचाया जा सकता है.
तैयारी क्या चल रही?
दावा है कि सभी रेल अंडर ब्रिज पर पंपिंग स्टेशन को ठीक कराया गया है. इसके साथ ही 127 छोटे पम्पों की व्यवस्था भी की गई है ताकि ज़रूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके. निगम ने सभी विभागों को पत्र लिखकर अपने-अपने क्षेत्रों में आने वाले नालों से गाद निकालने का अनुरोध किया है ताकि मॉनसून के समय दिल्ली में जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो और पानी और मच्छर जनित बीमारियां पैदा न हो.
वैसे पूर्वी दिल्ली के महापौर निर्मल जैन ने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत 219 नाले हैं जिनकी कुल लंबाई 121 किलोमीटर है. उन्होंने बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने 46,000 मैट्रिक टन गाद निकालने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 10,000 मैट्रिक टन गाद निकालने का कार्य अभी तक पूरा किया जा चुका है.