उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा का असर दिल्ली के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच गया है. मुरादनगर से दिल्ली के 2 बड़े वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट सोनिया विहार और भागीरथी में गंगा का पानी सप्लाई किया जाता है, लेकिन गंगा के पानी मे गंदगी का लेवल अधिक होने की वजह से ट्रीटमेंट प्लांट्स को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
'आजतक' की टीम ने सोमवार को उत्तरी पूर्वी दिल्ली के भागीरथी ट्रीटमेंट प्लांट का जायजा लिया. यहां 13 फरवरी की दोपहर में सबसे पहले गंगा का गंदा पानी आना शुरू हुआ था. छुट्टी का दिन होने के बावजूद प्लांट में तमाम बड़े इंजीनियर और करीब 250 लोगों का स्टाफ 24 घंटे गंगा की पानी की सफाई में लगा रहा.
प्लांट में बढ़ी मशक्कत
प्लांट पर मौजूद अधिकारियों की मानें तो गंगा के पानी में लकड़ी के टुकड़े, मलवा अधिक होने से मशीनें जाम हो जाने का डर रहता है. ऐसे में लगातार मशीनों की सफाई करना एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि मशीनें जाम होने की वजह से पानी का प्रोडक्शन कई घंटों तक रुक सकता था. आम दिनों में गंगा के पानी को साफ करने में ढाई घंटे का समय लगता है जो अब बढ़ गया है.
दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन राघव चड्ढा ने सोमवार को भागीरथी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचकर प्लांट के अधिकारियों के साथ ताजा स्थिति के बारे में जानकारी ली. राघव चड्ढा ने कहा कि उत्तराखंड में आपदा की वजह से दिल्ली में आने वाला गंगा का पानी मटमैला और गंदगी से भरा हुआ है. इस पानी को भागीरथी और सोनिया विहार वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किया जाता है. गंदगी को NTU नामक मानक से माप जाता है. गंगा के पानी में फरवरी के महीने में 100 NTU के आसपास रहता है लेकिन गंगा नदी में गंदगी इतनी अधिक है कि ये आंकड़ा आज 8000 NTU तक पहुंच गया है.
राघव चड्ढा ने बताया कि गंगा के पानी में पौधे, लकड़ी के टुकड़े, मलबा मिला हुआ है. इस वजह से दोनों वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोडक्शन को घटाना पड़ा, क्योंकि कोई भी ट्रीटमेंट प्लांट इतनी अधिक गंदगी साफ नहीं कर सकता है.
बता दें कि उत्तरी पूर्वी दिल्ली में स्थित सोनिया विहार वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में लगभग 140 MGD (मिलियन गैलन प्रतिदिन) और भागीरथी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में लगभग 110 MGD पानी साफ किया जाता है. दोनों ही प्लांट से दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पानी की सप्लाई होती है.
प्लांट की प्रोडक्शन क्षमता घटी
राघव चड्ढा ने बताया कि दोनों हो प्लांट 24 घंटे 100% क्षमता के साथ काम करते हैं. लेकिन उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से गंगा के पानी में गंदगी बढ़ गयी और दोनों प्लांट में प्रोडक्शन क्षमता घटकर 40% तक रह गयी थी. राघव चड्ढा ने दावा करते हुए कहा कि प्रोडक्शन घटने से दिल्ली के कई इलाकों में पानी की समस्या सामने आई लेकिब वाटर टैंकर सप्लाई से समस्या को दूर भी किया गया.
फिलहाल भागीरथी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में गंगा के पानी से 90% गंदगी को साफ कर लिया गया है. प्लांट में लगातार फिल्ट्रेशन के बाद 8000 NTU को घटाकर 960 NTU (Nephelometric Turbidity Units) करने का दावा किया गया है. राघव चड्ढा ने बताया कि 960 NTU वाले गंदे पानी को आसानी से साफ किया जा सकता है. इसके अलावा सोनिया विहार वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट 80% क्षमता के साथ काम कर रहा है.
हेल्पलाइन नंबर जारी
दिल्ली में पानी की शिकायतों के जवाब में राघव चड्ढा ने कहा कि, "दिल्ली में पानी की समस्या से निपटने के लिए टैंकर से सप्लाई बढ़ाई गई है. हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया गया है. पानी की किल्लत का मुआयना करने के लिए सीनियर अधिकारियों की टीम तैनात की गयी है. जहां भी पानी की कमी को शिकायत मिल रही वहां पानी के टैंकर तुरंत पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं. अगले 24 घंटे में गंगा के गंदे पानी की समस्या से निजात मिल जाएगी."