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दिल्ली महिला आयोग ने 3 दिन में सुलझा दिया प्रॉपर्टी विवाद

सीलमपुर की रहने वाली अफसाना (नाम परिवर्तित) ने अपने बड़े भाई के खिलाफ अपनी पैतृक संपत्ति बेचने और दूसरे भाई बहनों को कोई हिस्सा नहीं देने के सिलसिले में महिला आयोग की महिला पंचायत से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने इस पर एक्शन लेते हुए 3 दिन में इस मामले को पूरी तरह सुलझा दिया.

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दिल्ली महिला आयोग (फोटो-आजतक)
दिल्ली महिला आयोग (फोटो-आजतक)

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उत्तरी पूर्वी दिल्ली में प्रॉपर्टी विवाद से संबंधित एक मामला सामने आया है, जहां अपने ही भाई के खिलाफ उसकी बहन ने महिला आयोग में शिकायत दर्ज कर की. प्रॉपर्टी विवाद का एक मामला महज 3 दिन में ही निबट गया. 

दरअसल सीलमपुर की रहने वाली अफसाना (नाम परिवर्तित) ने अपने बड़े भाई के खिलाफ अपनी पैतृक संपत्ति बेचने और दूसरे भाई बहनों को कोई हिस्सा नहीं देने के सिलसिले में महिला आयोग की महिला पंचायत से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद दिल्ली महिला आयोग ने इस पर एक्शन लेते हुए 3 दिन में इस मामले को पूरी तरह सुलझा दिया.

अफसाना ने बताया कि उसके पांच भाई और 2 बहनें हैं, और सभी विवाहित हैं. सभी अपने अपने घरों में रह रही हैं. अफसाना के अनुसार कुछ समय पहले उसको पता चला कि उसका सबसे बड़ा भाई एक घर बेच रहा है. यह घर उसके नाना का है और उसका सबसे छोटा भाई उस घर में ही रह रहा था. उसने बताया कि बड़े भाई ने घर बेचने के लिए 4 लाख रुपये एडवांस ले लिए थे, और बाकी रुपये कागजी खानापूर्ति होने के बाद मिलने वाले थे.

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अफसाना ने अपने भाई की इस हरकत का विरोध किया और सभी की सहमति के बाद ही घर बेचे जाने और सभी को उनका बराबर का हिस्सा दिए जाने कि बात कही. जिसके बाद बड़े भाई और बहनों के बीच झगड़ा बढ़ गया. इस झगड़े के बाद अफसाना के बड़े भाई ने उससे बात करना बंद कर दिया. दरअसल उसके भाई का मानना है कि लड़कियों का पैतृक संपत्ति में कोई हक़ नहीं है. इन झगड़ों के बावजूद सभी भाई बहनों ने बड़े भाई से बात करने की कोशिश की. लेकिन बड़ा भाई मानने को राजी नहीं था कि उसके दूसरे भाई और बहनों को भी इसमें हिस्सेदार बनाया जाए. 

अफसाना ने बताया कि उसने अपने कान के सोने के कुंडल अपने बड़े भाई को रखने के लिए दे दिए थे, लेकिन उसने वह भी लौटाने से इंकार कर दिया.

इन सारी घटनाओं के दो दिन बाद अफसाना ने महिला आयोग में जाने का फैसला किया, जहां उसने महिला पंचायत में अपने बड़े भाई के खिलाफ शिकायत दर्ज की. उसने महिला पंचायत में बताया कि बड़े भाई ने जमीन बेचने के कागज़ पर सभी भाई बहनों से जबरदस्ती हस्ताक्षर करवा दिए हैं, जिसके बाद उसको पैसे मिलने वाले हैं. 

अफसाना ने इस बात का शक भी जताया कि उसे नहीं पता कि सभी भाई बहनों को उनका हिस्सा मिलेगा भी या नहीं. अफसाना की इस शिकायत के महिला पंचायत की टीम तुरंत हरकत में आई और अफसाना के साथ जिला अदालत गई और वकील से बात की, कि जब तक वे बड़े भाई से बात न करें, तब तक जमीन बेचने की कार्रवाई थोड़ी देर के लिए रोक लें. 

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जब बड़ा भाई कोर्ट पहुंचा, तभी महिला पंचायत की टीम ने उसको पकड़ लिया. उन्होंने उससे आराम से बात की और उससे कहा कि अगर वह अपने भाई बहनों को उनका हिस्सा नहीं दिया तो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई हो सकती है. काफी देर बहस करने के बाद वह आखिरकार सभी भाई बहनों को उनका हिस्सा देने को तैयार हो गया. साथ ही उसने अफसाना के सोने के कुंडल वापस करने के वादा किया.

अगले ही दिन अफसाना ने दिल्ली महिला आयोग को बताया कि उसके बड़े भाई ने उसका हिस्सा उसको दे दिया है और उसके  कुंडल भी लौटा दिए हैं.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल ने कहा कि ''महिलाओं का पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सा होता है. कोई भी उनको उनका हिस्सा देने से मना नहीं कर सकता है. आयोग की महिला पंचायतें जमीन पर महिलाओं और लड़कियों की सहायता करने के लिए काम कर रही हैं और ऐसा करती रहेंगी.''

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