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यमुना की सफाई पर अचानक LG के एक्शन, 5 चरणों में ऐसे क्लीन होगी नदी, 3 साल का है टारगेट

दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने नई सरकार का शपथ ग्रहण होने से पहले ही यमुना नदी की सफाई के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं. मशीनरी तैनात कर दी गई है और निगरानी शुरू हो गई है.

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यमुना प्रदूषण (तस्वीर: PTI)
यमुना प्रदूषण (तस्वीर: PTI)

पिछले कई साल से खतरनाक प्रदूषण से जूझ रही और मर चुकी दिल्ली की यमुना को फिर से जिंदा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. LG ऑफिस ने राजधानी के जल प्रदूषण संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी वादे के मुताबिक सफाई की कोशिशों में तेजी लाने के निर्देश जारी किए हैं.

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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, यमुना की सफाई बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में शामिल सबसे बड़े चुनावी वादों में से एक थी. पार्टी ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार यमुना रिवरफ्रंट विकसित करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए यमुना कोष स्थापित करने के लिए केंद्र के साथ सहयोग करेगी.

शनिवार को दिल्ली (Delhi) के एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण) से मुलाकात की और सफाई का प्रोसेस शुरू करने को लेकर चर्चा की. इसके बाद, रविवार को बड़े पैमाने पर सफाई अभियान शुरू हुआ, जिसमें नदी से मलबा और प्रदूषक हटाने के लिए कचरा हटाने वाली मशीनें, खरपतवार हटाने वाली मशीनें और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट तैनात किए गए.

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एलजी ऑफिस के सूत्रों ने India Today TV को बताया कि प्रोजेक्ट के प्रभावशाली रणनीति बनाई गई है, जो इस तरह है... 

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कचरे और गाद हटाई जाएंगी: यमुना की मुख्य धारा में जमे कचरे, गाद और अन्य प्रदूषकों को हटाने पर जोर दिया जाएगा.

नालों की सफाई: नजफगढ़ नाले, अन्य सप्लीमेंट्री नाले और नदी में मिलने वाले अन्य सभी अहम जल निकासी चैनलों में एक साथ सफाई अभियान चलाए जाएंगे.

सीवेज उपचार संयंत्रों (STPs) की निगरानी: बेहतरीन तरीके से नदी की सफाई करवाने के लिए मौजूदा STP के परफॉर्मेंस और आउटपुट का हर रोज मूल्यांकन किया जाएगा.

उपचार बुनियादी ढांचे का विस्तार: करीब 400 मिलियन गैलन हर रोज सीवेज के उपचार में मौजूदा कमी को दूर करने के लिए नए STPs और डीसेंट्रलाइज्ड एसटीपी के निर्माण के लिए एक योजना बनाई जाएगी. 

मल्टी एजेंसी मॉनीटरिंग: यमुना को साफ करने के लिए शुरू किए जा रहे प्रोजेक्ट में तीन साल के अंदर यमुना को बहाल करने का टार्गेट रखा गया है, जिसके लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC), दिल्ली नगर निगम (MCD), पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) सहित कई एजेंसियों द्वारा प्रयास किए जाएंगे.

इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को इंडस्ट्रियल यूनिट्स की सख्त निगरानी करने का निर्देश दिया गया है, जिससे यह तय किया जा सके कि अनुपचारित गंदगी शहर की नालियों में न बहाया जाए.

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यह भी पढ़ें: दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए पहुंच गईं बड़ी-बड़ी मशीनें, LG बोले- जो वादा किया वो निभाया

सुप्रीम कोर्ट क्यों गई थी AAP?

यमुना नदी को फिर से जिंदा करने के कैंपेन को जनवरी 2023 में तब तेजी मिली, जब राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने एलजी सक्सेना की अध्यक्षता में एक हाई लेवल कमेटी बनाई. हालांकि, कमेटी की पांच बैठकों के बाद, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली तत्कालीन आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने 10 जुलाई, 2023 को तत्कालीन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से NGT के निर्देशों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

इस कानूनी हस्तक्षेप की वजह से नदी को साफ करने की कोशिशों में रुकावट आई, जिससे प्रदूषण का लेवल एक बार फिर बढ़ गया. इसके साथ ही, केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (CoD) और बायो-केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BoD) जैसे महत्वपूर्ण पैरामीटर इस साल की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाई तक बिगड़ गए.

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