दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया यमुना नदी पर बन रहे सिग्नेचर ब्रिज का जायजा लेने पहुंचे. इस दौरान आखिरी पायलोन हेड लगाने का उद्घाटन भी किया. हालांकि काम पूरा होने में अभी काफी वक्त है, लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी से वहां का चक्कर लगाने लगे हैं.
पायलोन का हिस्सा जो सिग्नेचर ब्रिज के टॉप पर रखा जा रहा है, इसे पायलोन हेड कहते है, जिसका गवाह बनने सीएम और डिप्टी सीएम भी पहुंचे.
पायलोन लगाकर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंगलवार को इसे हरी झंडी दी. इसका मकसद सिर्फ ये है कि इस पायलोन के चारों तरफ शीशे लगेंगे और जब ब्रिज शुरू हो जाएगा तो लिफ्ट के जरिए जनता यहां पहुंचकर दिल्ली का पूरा व्यू टॉप से देख पाएगी. हालांकि सिग्नेचर ब्रिज जनता के लिए शुरू होने में अभी और समय लगेगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सिग्नेचर ब्रिज के फायदे भी गिनाए. हालांकि सवाल पूछे जाने पर कि अभी सिग्नेचर ब्रिज जनता के लिए खुलने और पूरी तरीके से तैयार होने में कुछ महीनों का वक्त और लगेगा तो एक पायलोन को लगवाने के लिए मुख्यमंत्री के आने का मकसद क्या पीएम मोदी के साथ मुकाबला करना है?
पीएम मोदी से तुलना वाले सवाल का जवाब देते हुए सिसोदिया ने कहा, 'अच्छी बात है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार विकास के काम में प्रतिस्पर्द्धा करे न कि हिंदू, मुस्लिम, मंदिर, मस्जिद, श्मशान के बारे में.
सिग्नेचर ब्रिज प्रोजेक्ट का काम शीला दीक्षित के कार्यकाल से ही चला आ रहा है , जबकि यह साल दर साल कई वजहों से अटकता रहा है. फिलहाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दीवाली तक इसका उद्घाटन करने का संकेत दिया है.