एक तरफ दिल्ली में यमुना का जलस्तर वॉर्निंग लेवल से उपर पहुंच चुका है, तो वहीं दूसरी तरफ तमाम चेतावनियों के बावजूद यमुना के किनारे निचली बस्ती में रहने वाले लोग अभी भी वहीं डटे हुए हैं. दरअसल हरियाणा के हथिनिकुंड बैराज से पानी करीब एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है.
यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. मंगलवार शाम यमुना का जलस्तर 204.30 मीटर तक पहुंच गया. बेशक यमुना उफान पर है, लेकिन यमुना किनारे रहने वाले लोग इस उफान से खौफजदा नहीं हैं. 'आजतक' की टीम ने वजीराबाद पुल के निचली बस्तियों का दौरा किया तो वहां अभी भी लोग बस्ती में मौजूद हैं. हालांकि बढ़ते जलस्तर को देखते हुए निचले इलाकों में रहने वाले लोग आने वाले दिनों में वहां से हटने की बात जरुर कर रहे हैं, लेकिन बाढ़ नियंत्रण विभाग और स्थानीय पुलिस की चेतावनी के बावजूद लोग फिलहाल यमुना किनारे ही बसे हुए हैं.
वजीराबाद यमुना बेल्ट पर बसे गढ़ी मांडू बस्ती के निवासियों ने 'आजतक' को बताया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें दो दिन पहले चेतावनी देते हुए जगह खाली करने को कहा है. लेकिन अभी पानी का स्तर उनके बस्ती से काफी दूर होने की वजह से वो लोग वहीं बसे हुए हैं. कुछ ऐसा ही हाल ओल्ड रेल्वे ब्रिज का भी है. यहां भी ब्रिज के नीचे झुग्गी बनाकर रहने वाले लोग अभी भी वहीं बसे हुए हैं. लोगों का कहना है कि जब तक यनुमा खतरे के निशान से दूर है तब तक उन्हें कहीं जाने की जरुरत नहीं है. यमुना में बाढ़ की आशंका को देखते हुए बाढ़ नियत्रंक विभाग ने बाढ़ से निपटने के लिए 18 बोट और ड्राइवर को तैनात किया है. जिन इलाकों में बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा है उनमें बदरपुर गांव, जगतपुर, सोनिया विहार, कुदसिया घाट, ओल्ड रेलेवे ब्रिज, गीता कॉलोनी, हाथीघाट, चिल्ला गांव, जैतपुर जैसे इलाके शामिल है.
एहतियात के तौर पर बाढ़ नियत्रंक विभाग ने सभी निचले इलाकों के बाशिंदों को चेतावनी देकर जगह खाली करने को कहा है. मगंलवार शाम यमुना का जलस्तर वार्निंग लेवल को क्रास कर 204.30 मीटर तक पहुंच गया है. खतरे का निशान 204.83 मीटर है, यानी की अभी यमुना खतरे के निशान से तो दूर है, लेकिन अगर हथिनीकुंड बैराज से दुबारा पानी छोड़ा गया और आसमान से बारिश फिर आफत बन कर टूटी तो यमुना खतरे के निशान को पार कर जाएगी.