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केजरीवाल सरकार ने लोन दिया 3 लाख का, प्रचार पर खर्चे 30 लाख : योगेंद्र यादव

योगेंद्र यादव ने दिल्ली सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने इन 20 महीनों के दौरान प्रचार पर खुब पैसा बहाया, लेकिन शिक्षा व्ययस्था पर पिछली सरकारों से भी कम काम किया.

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योगेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल सरकार के दावे को झूठ का पुलिंदा करार दिया
योगेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल सरकार के दावे को झूठ का पुलिंदा करार दिया

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स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने दिल्ली में बेहतर शिक्षा देने के अरविंद केजरीवाल सरकार के दावे को झूठ का पुलिंदा करार दिया. दरअसल केजरीवाल सरकार लगातार दिल्ली में बेहतर शिक्षा देने का दावा कर रही है, तो योगेंद्र ने दिल्ली सरकार के आंकड़े के आधार पर ही केजरीवाल के इन दावों पर सवाल उठाए. योगेंद्र यादव ने दिल्ली सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने इन 20 महीनों के दौरान प्रचार पर खुब पैसा बहाया, लेकिन शिक्षा व्ययस्था पर पिछली सरकारों से भी कम काम किया.

योगेंद्र यादव के दावे
1. फरवरी 2015 को दिल्ली की सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया, जिसमें शिक्षा बजट को दोगुने से ज़्यादा (106 % वृद्धि) करने की बात कही गई. हालांकि जो आंकड़े सामने आए हैं, वो हैरान करने वाले हैं. दरअसल बजट का 'योजनाबद्ध हिस्सा' (planned component) पिछले साल की तुलना में 2,219 करोड़ से 106% बढ़ाकर 4,570 करोड़ कर दिया गया था, न कि पूरा बजट. जबकि असल में ख़र्च मात्र 2,932 करोड़ रुपये हुए हैं. यानी पिछले साल की तुलना में (पिछले साल का शिक्षा पर खर्च था 2,139 करोड़ रुपये) शिक्षा पर ख़र्च में वास्तविक बढ़ोतरी 37% की हुई, जिस तथ्य को आम जनता के सामने गलत तरीके से पेश किया गया.

 

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2. आम आदमी पार्टी ने 500 नए स्कूल खोलने का वादा किया था. साल 2014-15 में दिल्ली सरकार के कुल 1,007 स्कूल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में थे, जो साल 2015-16 के अंत तक बढ़कर यह संख्या 1,011 हुई. यानी साल भर में कुल 4 नए स्कूल खोले गए, जो कि पिछली सरकारों द्वारा अपने कार्यकाल में खोले गए स्कूलों की संख्या की तुलना में काफ़ी कम है. यहां ध्यान वाली बात यह भी है कि दिल्ली-एनसीआर में स्कूलों की कुल संख्या 5,798 से कम होकर साल 2015-16 में 5,796 हो गई है.

 

3. दिल्ली के लोगों को 20 नए कॉलेज का वादा किया गया था, लेकिन आँकड़े बताते हैं कि साल 2015-16 के अंत तक एक कॉलेज कम हो गया है. 2014-15 में 85 कॉलेज थे, जो 2015-16 में 84 रह गए.

 

4. दिल्ली में 42,827 EWS कोटा सीट हैं, लेकिन उसमें से 24,372 EWS कोटा खाली है. यानी 57% योग्य छात्रों को इसका लाभ ही नहीं मिल रहा.

 

5. उच्च शिक्षा व कौशल गारंटी स्कीम दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा प्रोग्राम था. इस स्कीम के तहत 30 दिसंबर 2016 तक (यानी पिछले डेढ़ साल में) कुल 405 आवेदन आए, जिसमें 97 विद्यार्थियों को लोन दिया गया. इसमें दिल्ली सरकार ने सिर्फ़ 3 लोन दिए, जिसमें कुल 3.15 लाख रुपये ख़र्च हुआ. बाक़ी सारे लोन मोदी सरकार की ऐसी ही स्कीम के तहत दिया गया. हालांकि इस योजना के पहले साल में ही यानी 2015-16 में दिल्ली सरकार ने विज्ञापन पर 30 लाख रुपये खर्च कर दिए. यानि पूरी दिल्ली में कुल 3.15 लाख का लोन देने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने 30 लाख़ रुपये का इसके प्रचार पर ही खर्च कर दिया.

 

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स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा शिक्षा के मुद्दे पर बड़े-बड़े वादे और दावे करने वाली आम आदमी पार्टी दिल्ली के लोगों के लिए काम करने की बजाए बस काम का ढोल बजाती रहती है. आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे योगेंद्र ने पंजाब को बेहतर बनाने के अरविंद केजरीवाल के वादे पर भी निशाना साधा और कहा कि पंजाब के लोगों को भी दिल्ली आना चाहिए, ताकि हकीकत का पता चल सकें.

 

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