राजधानी दिल्ली के लिए प्रदूषण एक बड़ी समस्या है और इसके लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने भारत सरकार के पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र) चिठ्ठी लिखी है, जिसमे उन्होंने दाह संस्कार में लकड़ियों के प्रयोग को हतोत्साहित करने की बात कही है.
इमरान हुसैन के मुताबिक, दाह संस्कार में इस्तेमाल होने वाली लकड़ियों के इस्तेमाल से प्रदूषण फैलता है, इसलिए दूसरे किसी उपाय को अपनाकर लगाम लगाया जा सकता है . हुसैन ने पत्र में ऐसी नीति बनाने की मांग की है, जिसमें दाह संस्कार में भी सीएनजी का इस्तेमाल किया जा सके.
अपनी चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि दाह संस्कार में लकड़ियों का प्रयोग बहुत प्रभावकारी भी नहीं होता है, लेकिन उल्टा इससे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन मोनो ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें उत्पन्न होती हैं एवं प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 व पीएम 2.10 का इंडेक्स बढ़ाती हैं. उन्होंने लिखा है कि दिल्ली सरकार इस दिशा में काम कर रही है, लेकिन पूरे देश में दाह संस्कार के परंपरागत तरीके को सीएनजी आधारित तरीके में बदलने की जरूरत है.
हुसैन ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से कहा है कि इको फ्रेंडली दाह संस्कार की प्रक्रिया को दिल्ली ही नहीं, देश भर में शुरू करने और बढ़ावा देने की जरूरत है. इमरान हुसैन ने पर्यावरण मंत्री से अनुरोध किया है कि इस संबंध में एक तकनीकी समिति का गठन कर कोई नीति बनाई जाए. इसके साथ-साथ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अन्य राज्यों को सीएनजी से दाह संस्कार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. इससे वायु प्रदूषण के स्तर में निश्चय ही कमी आएगी.