एमसीडी चुनाव से ठीक दो महीने पहले वार्डों के परिसीमन ने कई कांग्रेस-बीजेपी और इंडिपेंडेंट सभी पार्षदों के दिन का चैन और रातों की नींद छीन ली है. डीलिमिटेशन के बाद दिल्ली के कई पार्षदों के वार्ड ही खत्म कर दिए गए तो कई पार्षदों के वार्ड में नए बूथ जोड़े जाने से पार्षद कंफ्यूज़ हैं कि पुराने वोटरों को संभालें या नए जुड़े वोटरों को रिझाने के लिए वादे और दावे करें.
अंबेडनगर विधानसभा से पुष्प विहार वार्ड को खत्म करके उसकी जगह अंबेडकर वार्ड को बड़ा कर दिया गया है. इससे पुष्प विहार के पार्षद एम नागराजन के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है. क्योंकि अंबेडकर नगर वार्ड से पूर्व मेयर खुशीराम दावेदारी ठोक सकते हैं. जाहिर है ऐसे में नागराजन और खुशीराम दोनों में से एक ही वार्ड के लिए लड़ेंगे.
वहीं नानकपुरा वार्ड खत्म होने से साउथ एमसीडी स् थाई समिति के पूर्व अध्यक्ष राधे श्याम शर्मा के सामने भी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. राधेश्याम बताते हैं कि उन्होंने बड़ी मेहनत से अपनी वार्ड में काम किए. नए जिम खोले, पार्कों की सुंदरता के लिए पानी लाए लेकिन अब वार्ड खत्म होने से उनके सारे काम धरे के धरे रह गए.
इनके सामने अब परेशानी ये है कि दावेदारी कैसे ठोकें क्योंकि वार्ड खत्म होने से दूसरे वार्ड में नए वोटरों को कैसे रिझाएं और उस वार्ड में पहले से दी जमे पार्षद से टकराव होना भी तय है.