नोटबंदी के ऐलान को एक महीने पूरे हो चुका है लेकिन बैंक का रवैया अब भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. शनिवार और रविवार को बैंक बंद होने की वजह से ज्यादातर लोग शुक्रवार को ही बैंक का रुख कर रहे हैं.
बैंक के बाहर सुबह 7 बजे से ही लोग कतार में खड़े नज़र आए, एमसीडी में काम करने वाले कल्ली नाम के एक शख्स ने बताया कि उसके अकाउंट में 7 तारीख को सैलरी आई थी, जिसके बाद पिछले 2 दिन से बैंक कैश न होने की बात कह रहा है. कल्ली के मुताबिक उसे 24 हजार निकालने हैं लेकिन पंजाब नेशनल बैंक ने 6 हजार की लिमिट का बोर्ड लगा दिया है.
अपने लोगों की एंट्री करवा रहे मैनेजर
नौकरी छोड़कर बैंक के दरवाजे खुलने का इंतजार कर रही एक महिला ने बैंक के मैनेजर पर आरोप लगाया कि ये मैनेजर अपने लोगों को एंट्री देता है. महिला ने घर खर्च की परेशानी बताते हुए कहा कि 59 रुपये किलो दूध हो रहा है, 30 रुपये किलो आटा लेकिन बैंक से कैश नहीं मिल रहा है. पिछले कई दिनों से सुबह 7 बजे से लगते हैं और जब नंबर आता है कैश ख़त्म हो जाता है.
पंजाब नेशनल बैंक के बाहर सुबह 7 बजे से कतार में खड़ी कमलेश नाम की एक बुजुर्ग महिला अपनी परेशानी बताते हुए भावुक हो गई. बुजुर्ग महिला ने कहा कि वो उस्मानपुर से आई है और उनके पति की मौत के बाद पेंशन लेने के लिए खड़ी हैं. कमलेश ने बताया चिकनगुनिया की वजह से दर्द है और ज्यादा देर खड़ी नहीं हो सकती. कल आई तो कैश ख़त्म, परसो आई तो टोकन ख़त्म.
इसके अलावा एक्सिस बैंक और आईडीबीआई बैंक के एटीएम में कैश न हिने की वजह से लोगों को बैंक की कतार में इंतजार करना पड़ रहा है. जहां बैंक ने पहले ही अपनी लिमिट तय कर दी है. अब सवाल ये उठता है बैंक को अपने नियम बनाने और उन्हें लागु करने का हक़ किसने दिया?