इस साल फिर राजधानी दिल्ली में डेंगू का डंक लगातार बढ़ रहा है. दिल्ली के नार्थ एमसीडी में अबतक सबसे ज्यादा डेंगू की शिकायत से खलबली मची है.
स्कूल, पार्क, बस स्टैंड यहां तक कि अस्पतालों में भी डेंगू के मच्छरों की ब्रीडिंग हो रही है, जिसमें हिन्दूराव अस्पताल में तो पानी की खुली टंकिया और परिसर में जलजमाव, मलबे का ढ़ेर मच्छरों के ब्रिडिंग के लिए माकूल जगह बना हुआ है, मगर दूसरों का चालान करने वाला एमसीडी अपने ही अस्पताल की लापारवाही को अनदेखी कर रहा है.
दिल्ली में डेंगू के रोकथाम के लिए एमसीडी पहल करती है, मगर एमसीडी अस्पताल में ही डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा हो तो भला वो दूसरे जगहों का हाल क्या होगा. नार्थ दिल्ली निगम का सबसे बड़ा अस्पताल हिन्दूराव अस्पताल है. एक तरफ तो अस्पताल के बेड पर डेंगू के डंक से पीड़ित इलाज के लिए पड़े हैं, वही दूसरी ओर अस्पाल परिसर में पानी की खुली टंकियों में डेंगू के लार्वा को पनपने के लिए खुला छोड़ दिया गया है. जगह-जगह मलबे का ढ़ेर और पानी टपक रहा है, जिसमें लार्वा पनप रहे हैं. अस्पताल प्रशासन ने इस बारे में कुछ भी बोलने मना कर दिया, मगर एमसीडी सिविल लाईन जोन के चेयर मैन माधव प्रसाद का कहना है कि अस्पताल में पानी की खपत ज्यादा है और इसलिए टंकिया लगी हुई हैं, आसपास में जंगल होने के कारण बंदर इस टंकियों के ढक्कनों को खोल कर चले जाते हैं. हमने जांच और सफाई के आदेश दे दिए हैं.
अस्पताल परिसर में जहां मलबा और और गंदगी का ढेर लगा है वहीं जगह-जगह पाइप लाइन और वाटर कूलर से पानी टपक रहा है. इतना ही नहीं अस्पताल में लगे फायर फाइटर सिस्टम काम नहीं करते लेकिन उससे पानी टपकर बेसमेंट और दूसरे जगहों पर पानी का जमाव होने ले मच्छरो के लार्वा जरूर पनप रहे हैं.
एमसीडी के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ अगस्त में डेंगू के 142 मामले सामने आ चुके हैं और हर दिन डेंगू के दर्जनों मामले सामने आ रहे हैं. मगर अस्पतालों हो रहे ब्रिडिंग को रोकने के बजाए निगम आंकड़ों को गोल-मोल घूमाकर पेश करने में लगा है.