दिल्ली में डेंगू अमूमन मॉनसून के बाद दस्तक देता है, जब बारिश के बाद जमा पानी में उमस के कारण एडीज मच्छर के लार्वा पनपते हैं. लेकिन इस बार डेंगू मई के गर्म महीने में ही आ धमका और वो भी पिछले साल मई तक के मामलों से ज़्यादा मामलों के साथ.
एमसीडी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस बार डेंगू का डंक दिल्ली वालों के लिए ज्यादा खतरनाक है. आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 16 मई तक डेंगू के कुल 8 मामले सामने आ चुके हैं. पिछले साल मई तक डेंगू के महज 4 मामले सामने आए थे. मई तक 4 मामलो के बाद साल भर में दिल्ली में डेंगू के कुल मामले 995 थे. पिछले साल 3 लोगों ने डेंगू से जान भी गंवाई थी और इसलिए इस साल खतरा ज़्यादा बड़ा है.
एमसीडी में विपक्ष ने इस मसले पर सत्तापक्ष पर जमकर हल्ला बोला. विपक्ष के मुताबिक फंड की कमी से कर्मचारियों को तनख्वाह ना मिलने के कारण वो इमानदारी से काम नहीं कर रहे जिसके कारण ही मई में इतने मामले सामने आ गए.
हालांकि बीजेपी का कहना है कि उसने तनख्वाह का मुद्दा सुलझा लिया है और तुरंत प्रभाव से डेंगू की रोकथाम की जाएगी. इस लापरवाही और लेटलतीफी का खामियाज़ा दिल्ली को भुगतना पड़ सकता है. लेकिन पहले सफाई कर्मचारियों और उसके बाद डॉक्टरों की हड़ताल के बाद यदि दिल्ली को डेंगू का डंक भी भुगतना पड़ा तो निगम की सत्ता में बैठी बीजेपी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होंगे.