दिल्ली में डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है. हालात ये हैं कि अभी तक इससे 11 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अब खुद एमसीडी डेंगू की रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जाने वाली फॉगिंग पर ही सवाल खड़े कर रही है.
डेंगू से निपटने में नाकाम एमसीडी
डेंगू से निपटने में एमसीडी अभी तक नाकाम साबित हो रही हैं. कुल 1800 से ज़्यादा मामलों और 11 मौतें ये बताने के लिए काफी हैं कि हालात काफी खराब हो चुके हैं लेकिन जिस एमसीडी पर डेंगू की रोकथाम की ज़िम्मेदारी है वो अब दिल्ली में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बीच उससे निबटने के लिए हो रही फॉगिंग को बेअसर बता रही है. एमसीडी की मानें तो डेंगू घर के अंदर रहने वाले एडीज इजप्टी मच्छर से फैलता है, इसलिए फॉगिंग का उस पर कोई प्रभाव नहीं होता.
फॉगिंग से फायदे की जगह हो रहा है नुकसान
साउथ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन राधे श्याम शर्मा ने कहा, 'डेंगू को रोकने के लिए फॉगिंग तो हो रही है लेकिन उसका असर इसलिए नहीं हो रहा क्योंकि घरों के बाहर होने वाली फॉगिंग से घरों के अंदर मच्छर नहीं मर रहे वही फॉगिंग से दमे के मरीज़ों के लिए तकलीफ बढ़ गई है.' चौंकाने वाली बात तो यह है कि आज फॉगिंग को बेअसर और स्वास्थ्य के लिए खतरा बताने वाली एमसीडी अबतक लगभग 7 करोड़ रुपए फॉगिंग पर फूंक चुकी है.
फॉगिंग पर सात करोड़ फूंक चुकी है एमसीडी
दिल्ली की तीनों एमसीडी को मिलाकर डेंगू समेत वर्षाजनित बीमारियों के लिए लगभग 5 करोड़ का बजट है लेकिन एमसीडी अब तक सिर्फ फॉगिंग पर ही लगभग 7 करोड़ फूंक चुकी है. और उस पर तुर्रा ये कि अब वही एमसीडी फॉगिंग पर सवाल खड़े कर रही है. एमसीडी के इस रवैये पर विपक्ष कहां चुप रहने वाला था, उसने तो इस मुद्दे पर मेयर और सीएम केजरीवाल दोनों का ही इस्तीफा मांग लिया.
कांग्रेस मांगे केजरीवाल और मेयर दोनों का इस्तीफा
नॉर्थ एमसीडी के नेता विपक्ष मुकेश गोयल कहते हैं, 'बहुत पहले ही आगाह कर दिया गया था कि डेंगू फैलेगा लेकिन इन्होने कुछ नहीं किया. मेरा मानना है कि इसके लिए केजरीवाल और मेयर दोनों जिम्मेदार हैं, दोनों इस्तीफा दें. साफ है कि डेंगू तेजी से दिल्ली को अपनी चपेट में ले रहा है लेकिन उसे रोक पाने में नाकाम एमसीडी अब खुद के प्रयासों को ही धता बता कर नाकामी छिपाने की कोशिश में लगा है.