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दिल्ली में मच्छरों का हमला, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया ने फिर पैर पसारे

दिल्ली में इस साल मच्छरों से होने वाली एक नहीं बल्कि तीन बीमारियों ने अभी से पैर पसार लिए हैं. इतने जल्दी मामले सामने आने के बाद माना जा रहा है कि इस साल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया दिल्ली में लोगों को खासी परेशानी में डाल सकते हैं.

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दिल्ली में मच्छरों का फिर कहर
दिल्ली में मच्छरों का फिर कहर

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दिल्ली में इस साल मच्छरों से होने वाली एक नहीं बल्कि तीन बीमारियों ने अभी से पैर पसार लिए हैं. इतने जल्दी मामले सामने आने के बाद माना जा रहा है कि इस साल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया दिल्ली में लोगों को खासी परेशानी में डाल सकते हैं.

दिल्ली में वैसे तो डेंगू और मलेरिया का डंक हर साल लोगों को डराता है, लेकिन इस साल दिल्ली में समय से काफी पहले डेंगू और मलेरिया के साथ-साथ चिकनगुनिया ने दस्तक दे दी है. एमसीडी से जारी आंकड़ों की मानें तो इस साल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले ना केवल काफी पहले आए हैं, बल्कि पिछले साल के मुकाबले उनकी संख्या भी ज्यादा है.

एमसीडी रिपोर्ट के मुताबिक, 'दिल्ली में इस साल चिकनगुनिया के 79 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि पिछले साल अप्रैल तक चिकनगुनिया का एक भी मामला सामने नहीं आया था. उसी तरह डेंगू के 24 मामले सामने आए हैं, जबकि पिछले साल इस वक्त तक डेंगू के महज 7 मामले सामने आए थे. मलेरिया के भी इस साल 13 मामले सामने आ चुके हैं जो बीते साल 8 थे.

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मामले भले ही पिछले साल से ज्यादा हैं, लेकिन एमसीडी की मानें तो इनमें से ज्यादातर मामले दिल्ली के बाहर से आने वालों के हैं. एमसीडी का दावा है कि उसके अंतर्गत आने वाले इलाकों में डेंगू का एक भी मामला सामने नहीं आया है. रिपोर्ट में बकायदा इसका जिक्र भी है.

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली कैंट में एक मामला डेंगू का है, जबकि 11 मामले ऐसे हैं जिनका पता अस्पताल में दर्ज नहीं है. वहीं 11 मामले दिल्ली के बाहर से वालों के हैं. वहीं चिकनगुनिया के भी महज 5 मामले ऐसे हैं जो एमसीडी के अंतर्गत आने वाले इलाकों में हैं. चिकनगुनिया के 22 मामले दिल्ली से बाहर के हैं, वहीं 37 मामले ऐसे हैं जिनका पता अस्पताल में दर्ज नहीं है. दिल्ली में साल के शुरूआत में ही इतने मामलों का सामने आना वाकई गंभीर तो है ही वहीं एमसीडी चुनाव से पहले इस पर राजनीति भी होना तय है.

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