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अभी और सताएगा डेंगू का डंक!

सितंबर में चिकुनगुनिया के कहर ने राजधानीवासियों को झकझोर दिया. हर कोई चिकुनगुनिया के दर्द से कराह उठा लेकिन तापमान में मामूली गिरावट और एंजेसीज की कवायद ने इसे थोड़ा कंट्रोल किया. लेकिन अक्टूबर में डेंगू के नए मामलों ने एक बार फिर बुखार और दर्द के सिलसिले को बरकरार कर दिया.

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डेंगू का खतरा बरकरार
डेंगू का खतरा बरकरार

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सितंबर में चिकुनगुनिया के कहर ने राजधानीवासियों को झकझोर दिया. हर कोई चिकुनगुनिया के दर्द से कराह उठा लेकिन तापमान में मामूली गिरावट और एंजेसीज की कवायद ने इसे थोड़ा कंट्रोल किया. लेकिन अक्टूबर में डेंगू के नए मामलों ने एक बार फिर बुखार और दर्द के सिलसिले को बरकरार कर दिया.  पिछले हफ्ते दर्ज डेंगू के 578 नए मामले लोगों के लिए नई चिंता का विषय बन गए हैं.

डॉक्टर्स की माने तो अभी डेंगू का खतरा अगले 3 से 4 हफ्ते बना रहेगा. क्योंकि बीच में हुई थोड़ी बारिश के कारण मच्छरों को फिर से पनपने का मौका मिल गया. इसीलिए डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी हो गई.

अगर चिकुनगुनिया की बात करें तो उसमें थोड़ी राहत नज़र आ रही है डॉक्टर्स की माने तो अब चिकुनगुनिया का कहर केवल 10 प्रतिशत रह गया है. पिछले हफ्ते चिकुनगुनिया के आए 1419 नए मामले पहले की अपेक्षा काफी कम है. डॉक्टर्स ने बताया हैं कि अभी भी लोगो को सतर्क रहने की खास ज़रुरत है लेकिन लोगों पैनिक करने की कोई ज़रुरत नहीं हैं.

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देखभाल के तौर पर बुखार उतारने के लिए पेरासिटाम़ॉल बेस्ट मेडिसिन है. इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा पानी और बुखार बढ़ने पर डॉक्टरी सलाह आपको समय रहते डेंगू के डंक से बचा सकती है. जैसे ही तापमान 17 से 18 डिग्री तक पहुंच जाएगा इन मचछरों की ब्रीडिंग रुक जाएगी और डेंगू का खतरा टल जाएगा लेकिन तब तक के लिए सतर्क रहें.

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