दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने देशभक्ति की परिभाषा देते हुए कहा कि हमारे लिए दिल्ली की तरक्की देशभक्ति है. नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देना, बच्चों को अच्छी शिक्षा देना, महिला मोहल्ला क्लीनिक बनाना देशभक्ति है. उन्होंने कहा कि हमारे लिए तिरंगा लहराना और तिरंगे के साये में खड़े हर भारतीय को मान-सम्मान देना देशभक्ति है. युवाओं को रोजगार देने, व्यापारियों को व्यापार के मौके देना, जवानों और किसानों को सम्मान देना देशभक्ति है.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सदन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष देशभक्ति की झूठी बात करके अन्य राज्यों में सत्ता तक तो पहुंच सकती है, लेकिन गांधी, सुभाष के सपनों तक नहीं. उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले 15 सालों से दिल्ली एमसीडी में सत्ता में है, लेकिन यह विडंबना है कि दिल्ली एमसीडी विद्यालयों में पढ़ने वाले बहुत से विद्यार्थी अपनी किताबों को भी नहीं पढ़ पाते हैं. ये विपक्ष की मिलावटी देशभक्ति है, जो सेना के जवानों की शहादत पर क्रेडिट लेने के लिए सबसे आगे खड़े होते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी सुविधाएं देने में पीछे हैं.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें दिल्ली के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग देकर उन्हें मजबूत बनाया है, लेकिन विपक्ष ने शिक्षकों को हमेशा मजबूर बनाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने देशभक्ति और राम के नाम पर हमेशा सिर्फ राजनीति करने का काम किया है, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा. हमारे दिल में राम और बगल में संविधान है और संविधान के साथ हम दिल्ली में रामराज्य लाएंगे.
उपमुख्यमंत्री ने सदन के सामने विजन रखते हुए कहा कि आज एक आम भारतीय परिवार ये सपना देखता है कि वह अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, जापान की किसी यूनिवर्सिटी में भेजे, पर हमें अपनी शिक्षा पर इतना काम करना है कि भविष्य में अमेरिका, ब्रिटेन, जापान के परिवारों का ये विजन हो कि वह अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए दिल्ली की किसी यूनिवर्सिटी में भेजे. उन्होंने कहा कि जब हम स्कूलों में थे, तो पढ़ाया जाता था कि दुनिया में 3 तरह के देश होते हैं. विकसित देश, विकासशील देश और अविकसित देश और भारत एक विकासशील देश है.
उन्होंने कहा कि आज भी स्कूलों में यही पढ़ाया जा रहा है कि भारत एक विकासशील देश है. इसलिए आज हमें यह तय करना होगा कि हम अच्छी शिक्षा के माध्यम से नागरिकों को अच्छी सुविधाएं देकर भारत को विकसित देश बनाने की शुरुआत करें और ये देशभक्ति बजट इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.