आम आदमी पार्टी सरकार और उप-राज्यपाल के बीच टकराव की नई वजह दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन कृष्ण सैनी हैं. हाल ही में एलजी ने अनुमति न लेने का हवाला देकर कृष्ण सैनी की नियुक्ति को रद्द कर दिया था. एलजी के फैसले पर रोक के लिए केजरीवाल सरकार ने हाई कोर्ट का रुख किया लेकिन सरकार को कोई राहत नहीं मिली.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 27 पन्नों की चिट्ठी लिखकर एलजी से अपील भी कर चुके हैं कि वो विद्युयुत विनियामक आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला वापस लिया जाए. पूरे मामले में 'आज तक' ने मंत्री सत्येन्द्र जैन से खास बातचीत की है. उन्होंने नियुक्ति रद्द न करने की वजह गिनाते हुए कहा, 'दिल्ली के अंदर DERC नहीं रहेगा तो बहुत सारे काम रुक जायेंगे. दिल्ली में बिजली की कमी नहीं है लेकिन जानबूझकर बिजली की दिक्कत बनाई जाती है. चेयरमैन की नियुक्ति रद्द हुई तो कंपनियां हमारे ऊपर हावी हो जाएंगी.'
सत्येन्द्र जैन के मुताबिक अगर दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग का चेयरमैन हटता है तो जनता से जुड़े कई फैसले भी ठप्प हो जाएंगे. उदाहरण देते हुए जैन ने कहा, '2 घंटे से ज्यादा बिजली ज्यादा जाने पर पेनाल्टी और रखरखाव के लिए DERC की जरूरत है. हाई कोर्ट का फैसला आने से पहले कंफ्यूजन था कि फाइल एलजी के पास भेजनी चाहिए या नहीं. दिल्ली के अंदर इसकी वजह से अफरा तफरी मच जाएगी. जब DERC काम ही नहीं करेगा तो शिकायत कहां होगी, ये कंपनियां आजाद हो जाएंगी और इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पायेगा. अगर एलजी साहब को कोई दिक्कत थी तो 6 महीने में फाइल क्यों नहीं मंगाई? लेकिन अब एलजी को अनुमति देना चाहिए, वो बड़े आदमी हैं, गवर्नर साहब हैं'.
इस बीच सत्येन्द्र जैन ने अपने विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अधिकारी जब भी एलजी से मुलाकात करें, तो लौटकर उन्हें रिपोर्ट जरूर दें. पूछने पर सत्येन्द्र जैन ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद ऐसा नहीं है कि सरकार खत्म हो गई है, जो अधिकारी मेरे पास काम कर रहे हैं वो एलजी के पास जाएं तो मुझे आकर बताएं तो सही एलजी ने क्या आदेश दिए हैं. पिछले 2 महीने से सारे काम बंद हैं. कोई काम नहीं हो रहा है. सभी अधिकारी सोच रहे हैं कि सभी फाइल एलजी के पास चले गई है तो काम बंद कर दो.