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डेंगू, चिकनगुनिया पर सियासत ज्यादा, तालमेल कम

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तमाम राजनीतिक दलों को साथ लाने का दावा तो कर दिया है लेकिन डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने की ये लड़ाई महज़ बयानबाज़ी तक ही सीमित नज़र आती है.

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फॉगिंग को लेकर सियासी हमले जारी
फॉगिंग को लेकर सियासी हमले जारी

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तमाम राजनीतिक दलों को साथ लाने का दावा तो कर दिया है लेकिन डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने की ये लड़ाई महज़ बयानबाज़ी तक ही सीमित नज़र आती है. वीडियो सन्देश जारी करने के बाद से ही आम आदमी पार्टी सरकार के नेता बीमारी को जड़ से ख़त्म करने की बजाय पूरे मामले में जमकर राजनीति कर रहे हैं.

दिल्ली के हर मोहल्ले और हर गली में न तो मच्छर मारने की दवाई का छिड़काव हुआ और न ही नई फॉगिंग मशीन खरीदने को लेकर कोई ऐलान. स्वास्थ्य मंत्री से जब सवाल पूछा गया कि विरोधी पार्टियों को अब तक डेंगू और चिकनगुनिया फ्री बनाने की मुहिम से क्यों नहीं जोड़ पाए तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सभी से बात करेंगे.

आगे सत्येन्द्र जैन ने बताया कि 'मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि एमसीडी फोगिंग नहीं करवा पाई है तो मुझे फॉगिंग करवाना है. बाकि नेताओं से बातचीत खुद अरविन्द केजरीवाल करेंगे.'

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विरोधी पार्टियों को साथ न ला पाने के सवाल पर कपिल मिश्रा ने कहा कि "मच्छर जात या धर्म नहीं देखता. सभी से बात कर रहे हैं. मनोज तिवारी और मैंने साथ मिलकर फॉगिंग की थी. सभी साथ आना चाहते है." इस बीच तालमेल बनाकर काम करने की सलाह देने वाली आम आदमी पार्टी सरकार पर उन्हीं के विधायकों ने आरोप लगाया है कि डेंगू और चिकनगुनिया या बाकी विकास कार्यों की बैठक में उन्हें सरकार की तरफ से नहीं बुलाया जाता है. ये सवाल जब कपिल मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "मुझे नहीं लगता ऐसा कुछ है हम सभी विधायकों के संपर्क में हैं."

हैरानी की बात ये है कि सरकार की रिपोर्ट में अब तक चिकनगुनिया से हुई कई मौतों का ज़िक्र नहीं है. जबकि दिन ब दिन डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में इजाफा हो रहा है. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन चिकनगुनिया से मौत न होने वाले बयान से काफी विवादों में भी रहे थे. इसलिए सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि कुछ सरकार और एजेंसियां क्या मौत के आंकड़े छुपा रही है?

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