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संसदीय सचिवों की नियुक्ति खारिज होने पर सहरावत ने फिर फोड़ा लेटर बम

आम आदमी पार्टी के विधायक देवेंद्र सहरावत ने एक बार फिर लेटर बम से अरविंद केजरीवाल पर हमला किया है. गुरुवार को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के 21 संसदीय सचिव की नियुक्ति को खारिज कर दिया था.

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कर्नल देवेंद्र सहरावत
कर्नल देवेंद्र सहरावत

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आम आदमी पार्टी के विधायक देवेंद्र सहरावत ने एक बार फिर लेटर बम से अरविंद केजरीवाल पर हमला किया है. गुरुवार को हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के 21 संसदीय सचिव की नियुक्ति को खारिज कर दिया था. इसका फायदा उठाते हुए सेहरावत ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी और सरकार के कई फैसलों पर सवाल खड़े किए हैं.

बिजवासन विधानसभा से विधायक देवेंद्र सहरावत ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को चिट्ठी के जरिए तीखा हमला करते हुए लिखा है कि 21 विधायकों को आपने संसदीय सचिव नियुक्त किया था, जबकि आपको सुप्रीम कोर्ट ने सोनिया गांधी और जया बच्चन की नियुक्ति के लाभ के पद के दायरे में ठहराते हुए अवैध बताया था. जिसके बाद दोनों को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा था. ये सब जानते हुए आपने आशीष तलवार और बाकी सलाहकारों, जिन्हें कोई ज्ञान नहीं की बात मानी. हालात ये है कि 12 विधायकों की सदस्यता जाने की तलवार सर पे लटक रही है. लेकिन पूरी जिम्मेदारी आपके ऊपर है. क्योंकि विधायकों ने मेहनत का पैसा लगाकर चुनाव जीता था.

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अपनी चिट्ठी में देवेंद्र सहरावत ने आशीष खेतान की अध्यक्षता वाले दिल्ली संवाद आयोग पर भी सवाल उठाए हैं. विधायक ने आरोप लगाया है कि दिल्ली संवाद आयोग बनाने की जरूरत नहीं थी, क्योंकि यह सफेद हाथी की तरह है. इसकी कार्यप्रणाली क्या है, गठन किस मकसद से हुआ ये समझ से बाहर है. दिल्ली की जनता ने हमें लोकतांत्रिक प्रणाली से चुना है और हम अपने इलाकों की समस्याओं से परिचित हैं. इसलिए हमारी सलाह से विकास की योजनाएं बननी चाहिए. दिल्ली संवाद आयोग को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि हाल ही में शटल बस सर्विस के प्रस्ताव में आयोग की संदिग्ध भूमिका रही है.

देवेंद्र सहरावत ने आरोप लगाया कि कैबिनेट में दिल्ली संवाद आयोग का प्रस्ताव नियमों का उलंघन करते हुए रखा गया ताकि ये संदेश मिल सके कि दलाली करने के लिए आशीष खेतान उपयुक्त व्यक्ति है. यह आयोग अब दिल्ली दलाल कमीशन के नाम से जाना जाने लगा है.

विधायक ने अपनी चिट्ठी से सलाहकारों की नियुक्ति पर सवाल उठाए और आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को लिखा कि 4 सितंबर को पत्र के माध्यम से अवगत कराया था कि आपके चारों तरफ मित्र मंडली आशीष तलवार, वैभव, और अश्वित मोटा वेतन पा रहे हैं. जबकि संवैधानिक कार्यों से इनका कोई लेना देना नहीं है. आपको अनेक पत्रों में लिख चुका हूं कि भ्रष्ट अधिकारियों के तबादले में भ्रष्टाचार, परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार, आपके व्यक्तिगत स्टाफ की वसूली करने का रवैया है, लेकिन आपका कोई जवाब नहीं मिला.

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आखिर में देवेंद्र सहरावत ने विवादित चिट्ठी का जवाब भी मांगा और तंज कसते हुए लिखा कि मैंने इस बार महिला शोषण के मुद्दे को उठाया है, जिसका आपने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह देवेंद्र सहरावत के ऊपर मानहानि का मुकदमा दर्ज करा चुके हैं. लेकिन लगता है कि विधायक पर इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है.

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