दिल्ली की एक अदालत ने धौला कुआं इलाके में 2010 में एक महिला का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप करने के मामले में बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया. फैसला 10 अक्टूबर को सुनाया जाएगा. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया.
अदालत ने 22 सितंबर को अपना आदेश टाल दिया था, क्योंकि एक आरोपी उस्मान उर्फ काले के वकील अमित श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उसे फंसाने के लिए सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. अदालत ने इस पर अभियोजन पक्ष से जवाब मांगा था.
सरकारी वकील सतविंदर कौर ने आरोपी के तर्क का विरोध किया और कहा कि सबूत के साथ छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं थी, क्योंकि नमूना घटनास्थल के एक दिन बाद ही फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी भेज दिया गया था और आरोपी को एक सप्ताह बाद गिरफ्तार किया गया था.
दक्षिणी दिल्ली के धौला कुआं इलाके में एक 30 वर्षीय का महिला का अपहरण करने और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के लिए शमशाद उर्फ खुटकन, उस्मान उर्फ काले, शाहिद उर्फ छोटा बिल्ली, इकबाल उर्फ बड़ा बिल्ली और कमरुद्दीन के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. महिला काल सेंटर में काम करती थी.
पुलिस के अनुसार, पांच व्यक्तियों ने पूर्वोत्तर से संबंध रखने वाली इस महिला का 24 नवंबर, 2010 को उस समय अपहरण कर लिया, जब वह ऑफिस से एक दोस्त के साथ घर लौट रही थी.
अपहरण के बाद अपहरणकर्ता उसे मंगोलपुरी ले गए, जहां उसके साथ गैंगरेप किया गया और उसके बाद एक सुनसान सड़क पर छोड़ दिया.
बाद में पांचों को हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार कर लिया गया. पांचों ने अपने को बेगुनाह बताया और कहा कि उन्हें मामले में गलत फंसाया जा रहा है.